दुर्ग। कुछ दिनों पूर्व बोरे में बंद मिला महिला के शव वाले अंधे कत्ल में पुलिस ने गुत्थी सुलझा ली है। इस हत्या में शामिल तीन आरोपियों तुलाराम बंजारे निवासी कोसा नगर सुपेला ,गोवर्धन बंजारे कोसा नगर सुपेला तथा शक्ति भौयर कोसा नगर को गिरफ्तार कर पुलिस ने न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेजा गया है। मुख्य आरोपी पूर्व में भी हत्या का आरोपी रहा है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर सुखनंदन राठौर ने बताया कि 13 दिसंबर की सुबह चन्द्रा मौर्या टाकीज अंडर ब्रिज के पास कार सर्विसिंग सेन्टर के सामने स्थित नाले में बोरे में बंद व रस्सी से बंधी महिला का शव मिलने पर आस पास सनसनी फैल गई थी। घटना स्थल पर वरिष्ठ अधिकारियों सहित एफएसएल की टीम मौके पर पहुंची थी। थाना सुपेला में अपराध पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया था।
अज्ञात महिला की पहचान एवं आरोपी की पहचान हेतु विशेष टीम गठित की गई थी।।अज्ञात महिला की पहचान कार्यवाही व आरोपियों की पतासाजी में टीम लगाई गई थी। सीसीटीवी फुटेज खंगालने तथा टेक्निकल टीम भी लगी थी।
कृष्णा नगर सुपेला निवासी आमरौतिन पति योगेश निर्मलकर 17 दिसंबर को थाना सुपेला पहुंची थी। मृतिका की फोटो गोदना चुड़ियों को देखकर प्राथमिक तौर पर मृतिका को आरती उर्फ भारती निर्मलकर के रूप में पहचान की थी । उसने बताया कि आरती इसके पहले अपने दो पतियों को छोड़ चुकी थी।मृतिका आरती उर्फ भारती बंजारे विगत 4-5 महिनों से कोसा नगर सुपेला भिलाई निवासी तुलाराम बंजारे के साथ लीव-इन में रह रही थी। शराब व गुटखा खाने की आदी थी। कभी-कभी मजदूरी करने राधिका नगर जाती थी।
तुला राम बंजारे से पूछताछ करने पर उसने पुलिस को बताया कि 4-5 माह पूर्व उसने आरती उर्फ भारती को अपने घर लाया था। पति- पत्नि जैसे रहते थे। वह शराब की आदी थी ।नशे में आरती उर्फ भारती बेकाबू हो जाती थी। किसी से भी वाद विवाद करती थी। कही भी पड़ी रहती थी ।आस पास के लोग इसे उलाहना देते थे। मना करने पर आरती उससे झगड़ा करती थी और अक्सर उसके जेब से पैसा निकालकर शराब पीने चली जाती थी जिससे यह काफी परेशान था।
5 दिसंबर को वह आरती के साथ अपने घर में शराब पिया और बचा हुआ खाना दोनों ने मिलकर खाया। इसी दौरान उसका विवाद आरती से हो गया। दोनों नशे में थे। आरती गाली गलौज हाथा पाई में उतारू हो गई थी, तब उसने गुस्से में आरती को थप्पड़ मारा और कहा कि तुझे मार डालूंगा। यह कहते हुए उसने भारती के सिर को दीवार से टकरा दिया जिससे आरती जमीन में गिर गई। कुछ देर बाद आरती के शरीर को छूकर देखा, बदन ठंडा हो गया था। इसके बाद आरोपी ने आरती का शव घुटनों से मोड़कर प्लास्टिक की रस्सी के बांध दिया जिससे आरती का शव छोटा हो गया था। फिर जूट एवं प्लास्टिक की बोरी में शव को सिर व पैर तरफ से डाल दिया। बोरी के उपर काला प्लास्टिक लपेट कर बांध दिया था।
आरोपी तुलाराम बंजारे ने शव को घर में छुपा कर रखा था। इस घटना को अपने भाई गोवर्धन प्रसाद बंजारे पिता राम प्रसाद बंजारे ,आटो चालक शक्ति भौयर को बताया और उन्हें लाश को ठिकाने लगाने के लिये तैयार किया। फिर रात करीब तीन बजे ये तीनों शक्ति की आटो में शव को रखे और चन्द्रा मौर्या अन्डर ब्रिज के पास नाली में फेंक कर वापस कोसा नगर चले गये थे। इसके अगले दिन तुला राम ने अपनी मां को अपने घर बुला लिया था। घटना के बाद तुला राम बंजारे ने अपने मोहल्ले में प्रचारित किया कि आरती अपने पिता का ईलाज कराने नागपुर चली गई है। इसलिये उसने अपनी मां को कृष्णा नगर से अपने घर कोसा नगर बुला लिया है। तुलाराम बंजारे पूर्व में भी हत्या और मारपीट के प्रकरण में जेल जा चुका है।
