दुर्ग।नारायणपुर की लड़कियों को धर्म परिवर्तन कर नर्स की ट्रेनिंग के बाद नौकरी का प्रलोभन देने के मामले में मंगलवार को कोर्ट में जमानत आवेदन पर सुनवाई थी। जेल निहित दोनों नन को अदालत में पेश किया गया था। जहां न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग डिजेंद्र नाथ ठाकुर की कोर्ट ने दोनों की जमानत आवेदन खारिज कर दिया है। इस दौरान न्यायाधीश ने कहा कि गंभीर प्रकृति का आरोप है जिसके कारण इन्हें जमानत नहीं दी जा सकती है। भिलाई निवासी रवि निगम द्वारा 25 जुलाई को जीआरपी चौकी दुर्ग (रेल्वे थाना भिलाई के अंतर्गत) आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सूचना दी गई, कि बस्तर क्षेत्र के तीन लड़कियों को उनके क्षेत्र से बहला फुसलाकर धर्म परिवर्तन एंव मानव तस्करी कर दुर्ग रेल्वे स्टेशन से 02 ईसाई नन प्रीति मैरी एवं वंदना फ्रांसिस को सुपूर्द कर आगरा भेजा जा रहा है। प्रकरण में जीआरपी थाना पुलिस ने धारा 143 बीएनएस एवं धारा 4 छ.ग. धर्म स्वतंत्रय अधिनियम 1968 का अपराध प्रीति मैरी, वंदना फ्रासिस एवं सुखमत मंडावी के विरुद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। दोनों ननों को 8 अगस्त तक न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।
