दुर्ग। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक शाखा निकुम से ऋण लेने के बाद भुगतान के रूप में आरोपी द्वारा दिया गया चेक अनादरित हो गया। इस मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग श्रीमती श्वेता पटेल की कोर्ट ने आरोपी को धारा 138 परक्राम्य लिखत अधिनियम के तहत दोष सिद्ध पाते हुए 6 माह के साधारण कारावास से दंडित किया है। धारा 357(1)(बी) के तहत 50000 रुपए प्रतिकर की राशि परिवादी को प्रदान किए जाने का आदेश दिया है। 60 दिन के अंदर यदि प्रतिकर की राशि अदा नहीं की गई तो 3 माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतने का आदेश दिया है।
ग्राम मासाभाट पोस्ट निकुम निवासी विनोद कुमार साहू ने छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक शाखा निकुम से 20 नवंबर 2015 को कबाड़ी व्यवसाय के लिए 50000 रुपए ऋण लिया था। ऋण की किस्त के भुगतान को लेकर उसने दुर्ग राजनंदगांव ग्रामीण बैंक शाखा निकुम का चेक 1 सितंबर 2019 को 74,803 रुपए का दिया था। जब चेक को आरोपी के खाते में जमा किया गया तब रकम पर्याप्त नहीं होने के कारण चेक अनादरित हो गया। इस पर बैंक ने अपने अधिवक्ता मोहम्मद शफीक खान के माध्यम से पंजीकृत नोटिस प्रेषित किया था परंतु अभियुक्त ने समयावधि में रकम का भुगतान नहीं किया था।