कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को बलौदाबाजार हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। आज दस्तावेजी प्रक्रिया के बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। उनके समर्थकों में भारी उत्साह देखा गया।
देवेंद्र यादव ने जेल से रिहा होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बीजेपी ने सतनामी समाज के निर्दोष लोगों के साथ अत्याचार किया है। उन्होंने कहा कि सच की लड़ाई लड़ते रहेंगे।
इस मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सतनामी समाज के 112 युवाओं को जमानत दे दी है। इससे पहले इस मामले में 60 से अधिक आरोपी जमानत पर रिहा हो चुके हैं, लेकिन कई आरोपी अब भी सेंट्रल जेल में बंद हैं।
बलौदाबाजार हिंसा मामला 15 और 16 मई 2024 की दरमियानी रात कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा गिरौधपुरी धाम में सतनामी समाज के धार्मिक स्थल के पूज्य जैतखाम में तोड़फोड़ की घटना के बाद शुरू हुआ था। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

इस घटना के बाद सतनामी समाज के लोगों ने न्यायिक जांच की मांग की थी। गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच की घोषणा की थी। इसके बाद 10 जून को जैतखाम में तोड़फोड़ के विरोध में हजारों लोग कलेक्ट्रेट के पास एकत्र हुए और जमकर हंगामा किया। जहां प्रदर्शन हिंसक हो गया। उपद्रवियों ने तांडव मचाते हुए कलेक्टर और एसपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया। इस हिंसक घटना में सरकारी संपत्तियों को 12.53 करोड़ रुपये का भारी नुकसान पहुंचा था।
मामले में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 43 मामलों में 187 लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव भी शामिल थे। उन्हें 6 महीने बाद जेल से रिहा किया गया है।
