रूंगटा आर-१ इंजीनियरिंग कॉलेज में बड़ी रिसर्च, भारत सरकार ने दिया पेटेंट, सुरक्षा एजेंसियों को डिवाइस सौंपेने की तैयारी….

भिलाई . रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और ऐसी ही तमाम भीड़भाड़ वाली जगहों पर अब एक स्पेशल डिटेक्टिव तैनात होगा। यह एक ऐसा सुरक्षा डिवाइस है जो तीन लेयर की सुरक्षा करेगा। रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट पर कोई भी लावारिस सामान रख कर नुकसान पहुंचाने वाले तुरंत धरे जाएंगे। इस डिवाइस को भिलाई के रूंगटा आर-1 इंजीनियरिंग कॉलेज के सीएस विभाग ने तैयार किया है। डिवाइस का नाम है, ‘थ्रेट डिटेक्टिव सिस्टम।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करने वाले इस डिवाइस की मदद से कैंपस में भीतर आने वाले हर एक व्यक्ति की स्कैनिंग ऑटोमेटिक हो जाएगी। डिवाइस में लगा स्पेशल कोडिंग युक्त कैमरा सिस्टम मौजूद हर एक व्यक्ति के हावभाग को परखेगा। फेस एक्सप्रेशंस को स्कैन करने पर यदि कुछ भी संदिग्ध लगा तो इसकी सूचना सीधे सुरक्षा अधिकारी तक पहुंचेगी। यही नहीं कैंपस में मौजूद किसी व्यक्ति ने साथ में क्या सामान लाया था, और क्या साथ ले गया इसका भी पूरा ब्योरा रखेगा। लावारिस सामान रखकर निकलने से पहले ही डिवाइस अलार्म बजाएगा साथ ही इसका सूचना उक्त व्यक्ति की फोटो और वीडियो सहित सुरक्षा कार्यालय को भेजेगा।

नहीं किया जा सकता हैक
इस एडवांस डिटेक्टिव को भारत सरकार ने पेटेंट जारी कर दिया है। इस तैयार करने वाली फैकल्टी डॉ. हूमा खान, डॉ. आराधना साहू और सुशील जनार्दन ने बताया कि डिवाइस की कोडिंग पूरी तरह से एंड-टू-एंड इनक्रिप्टिव है, इसलिए इसे हैक नहीं किया जा सकता। आम तौर पर रेलवे स्टेशन में अभी तक मेटल डिटेक्टर से ही जांच की जाती है, लेकिन इसमें कई बार चूक रह जाती है और बड़े हादसे होते हैं। इस स्पेशल डिटेक्टिव की मदद से इस तरह की घटनाओं को समय रहते रोक सकेंगे और संदिग्ध की पहचान भी तुरंत उजागर होगी।

दुर्घटना से पहले करेगा आगाह
किसी व्यक्ति का कोई सामान चलते हुए गिरेगा तक भी इसके बारे में सूचना संबंधित कार्यालय को मिल जाएगी। डिवाइस उक्त व्यक्ति के हावभाव, फेस एक्सप्रेशन और चलते समय की हलचल को डिटेक्ट कर बताएगा कि व्यक्ति ने सामान जानबूझकर गिराया है या फिर किसी वजह से गिर गया है। इसी तरह रेलवे स्टेशन में बेवजह बैठकर पटरियों और अन्य जगहों पर टहल रहे व्यक्तियों की जानकारी भी भेजी जाएगी इसकी मदद से उन लोगों को भी बचाया जा सकेगा, जो आत्महत्या के इरादे से टैक पर टहल रहे होते हैं।

संदिग्ध की होगी पहचान
डिवाइस की टीम लीडर डॉ. हूमा ने बताया कि खासकर रेलवे स्टेशन पर किसी संदिग्ध या अपराधी को तलाश करना बेहद मुश्किल होता है। अभी तक पुलिस मैनुअल तरीके से संदिग्ध को परिसर में तलाश करती है, लेकिन इस डिटेक्टिव की मदद से पुलिस का काम बेहद आसान हो जाएगा। डिवाइस के डेटा बेस में उक्त संदिग्ध का फोटा, कदकाठी सरीखी जानकारियां फीड करने के बाद इसकी हाईटेक आंखे पूरे परिसर में फैल कर संदिग्ध को तलाश करेंगी। भेस बदलकर आने वाले को भी इसका आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम खोज कर लेगा।

रेलवे को सौंपने की तैयारी
रूंगटा आर-1 ग्रुप के डायरेक्टर सोनल रूंगटा ने बताया कि इस पेटेंट मिलने के साथ ही डवलपर्स फैकल्टी इसमें और रिसर्च के लिए जुट गए हैं। यह डिवाइस जल्द ही भारतीय रेलवे को सौंपने की तैयारी है। थ्रेट डिटेक्टिव डिवाइस की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी करेंगे। इसे सिर्फ शासकीय सुरक्षात्मक एजेंसियों को ही दिया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *