भिलाई. दुर्ग जिले के भिलाई पावर हाउस मार्केट अंतर्गत स्थित मछली बाजार का नाम स्व. गफ्फार खान मार्केट किए जाने का विरोध मांझी समाज और मछली व्यापारियों ने किया है। उनका आरोप है कि उन्होंने इस मार्केट का नाम शहीद विश्राम सिंह माझी के नाम पर करने का आवेदन किया था। उस आवेदन पर विचार न करके किसी पूर्व पार्षद के नाम पर मार्केट का नाम करना शहीद का अपमान है। अपने शहीद बेटे के नाम पर मछली बाजार का नाम किए जाने की मांग को लेकर शहीद विश्राम सिंह की मां रुकमणी देवी धरने पर बैठी हैं। उनके समर्थन में भाजपा के जिलाध्यक्ष और अन्य नेता भी शामिल हो गए। रुकमणी देवी की मांग को मछली बाजार के व्यापारियों ने भी जायज बताया है। इसके समर्थन में उन्होंने पूरा मछली बाजार गुरुवार को बंद रखा। भूपपूर्व सैनिक संघ ने भी इस धरना प्रदर्शन का समर्थन किया है। उनका कहना है कि देश के लिए शहादत से बड़ा त्याग और दूसरा कोई नहीं है। आज एक शहीद की मां अपने बेटे के लिए धरना दे रही है। इसके बाद निगम और जिला प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है यह एक शहीद की बेज्जती है। उन्होंने कहा वो तक इसका विरोध करते रहेंगे, जब तक मछली बाजार का नाम बदलकर शहीद विश्राम सिंह नहीं पड़ जाता है।
कलेक्टर और सेना पुलिस से भी की है मांग
भाजपा के वरिष्ठ पार्षद भोजराम सिन्हा ने कहा कि माझी परिवार ने अपनी मांग कलेक्टर दुर्ग, आयुक्त नगर निगम भिलाई और पुलिस, सीआईएसएफ, सेना और अन्य अधिकारियों को दी है। उन्होंने मांग की है कि भिलाई में जो एक शहीद परिवार का अपमान हो रहा है वह नहीं होना चाहिए। शहीद के सम्मान में मछली मार्केट का नाम शहीद के नाम पर होना चाहिए।

निषाद समाज युवा मोर्चा भी विरोध में
मछली मार्केट का नाम गफ्फार मार्केट किए जाने के विरोध में निषाद समाज युवा मोर्चा भी धरने पर बैठा है। समाज के अध्यक्ष मनीष चौधरी ने बताया कि उनके समाज के लोग मछली मार्केट कैंप 2 पावर हाउस में पिछले 40-45 सालों से व्यवसाय कर रहे हैं। उनके समाज के विश्राम मांझी बस्तर में नक्सलियों से लड़ते हुए शहीद हो गए। निषाद समाज पिछले 16 सालों से मांग कर रहा है कि मछली मार्केट का नाम शहीद विश्राम सिंह मांझी के नाम पर किया जाए। इसके बाद भी निगम सरकार ने इस मार्केट का नाम मो. गफ्फार के नाम पर कर दिया है, जो कि गलत है। समाज इसका विरोध करता है।
