दुर्ग। नौकरी लगाने के नाम पर लोगों से ठगी करने के बाद फरार हुए मास्टरमाइंड आरोपी को पुलिस ने कांकेर से पकड़ा है। इस मामले में शामिल पिता पुत्र को भी पूर्व में जेल भेजा जा चुका है। आरोपियों ने धोखाधड़ी करने के बाद प्राप्त रकम से कांकेर में 15 लाख का प्लॉट का सौदा किया था।
प्रार्थी संतराम देशमुख निवासी ग्राम चिरचार थाना अर्जुंदा जिला बालोद ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 2 जुलाई 2022 को भेषराम देशमुख के सरकारी स्टाफ क्वार्टर वेटरनरी कॉलेज ग्राम अंजोरा चौकी में आरोपीगण भेषराम देशमुख एवं रविकांत देशमुख अपने साथी अरुण मेश्राम निवासी राजनांदगांव के साथ मिलकर मंत्रालय में सरकारी नौकरी लगने के नाम पर प्रार्थी से छल कपट करते हुए 500000 रुपए लेकर धोखाधड़ी की थी। आरोपियों ने ना तो नौकरी लगा कर दिया और ना ही रकम वापस की थी। शिकायत के बाद पुलिस ने अंजोरा निवासी पिता पुत्र भेषराम देशमुख तथा रविकांत देशमुख को 6 सितंबर 2025 को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया था। इस मामले का मास्टरमाइंड आरोपी अरुण मेश्राम जो कि घटना के बाद से फरार था, उसकी तलाश में पुलिस की टीम लगी हुई थी। पुलिस को मुखबीर से सूचना मिली कि आरोपी कांकेर में एक किराए के मकान में छुपकर रह रहा है।मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को पकड़ कर पूछताछ में लिया। आरोपी अरुण मेश्राम ने पुलिस को बताया कि उसने अपने साथी भेषराम एवं रविकांत देशमुख के साथ मिलकर अपने आप को मंत्रालय का साहब होना बताया था और करीब 20-25 लोगों से सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देकर लाखों रुपए की धोखाधड़ी की थी। धोखाधड़ी से मिले लगभग 45 लाख रुपए को तीनों आरोपियों ने आपस में बांट लिए थे। आरोपियों ने इस रकम से कांकेर में एक प्लॉट का सौदा भी किया था और पिछले तीन वर्ष से घर-खर्च भी इसी रकम से चला रहे थे। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा है। इस कार्रवाई में चौकी प्रभारी अंजोरा उप निरीक्षक खेलन सिंह साहू, प्रधान आरक्षक सूरज पांडेय, राकेश सिंह ,आरक्षक टोमन देशमुख की अहम भूमिका रही।