दुर्ग। खाद्य निरीक्षक, पर्यवेक्षक ,चपरासी जैसे पदों के लिए फर्जी नियुक्ति आदेश देकर लाखों रुपए की वसूली करने वाले चार आरोपियों को चौकी अंजोरा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने आठ आवेदकों से 22 लाख रुपए की धोखाधड़ी की है। आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेजा गया है।
महमरा निवासी प्रार्थी दीपेश कुमार निषाद ने लिखित आवेदन देकर चौकी अंजोरा में शिकायत की थी कि उसके गांव के मनोज साहू द्वारा अपने साथी मुकेश वर्मा तथा उसका भांजा रजत वर्मा के साथ मिलकर खाद्य निरीक्षक के पद पर नौकरी लगाने के लिए चार लाख रुपए की मांग की गई थी।2 लाख रुपए नगदी व ऑनलाइन के माध्यम से आरोपियों ने प्राप्त कर लिए थे। इसके बाद आरोपियों ने फर्जी नियुक्ति आदेश को व्हाट्सएप पर भेजा था। नौकरी लगाने के नाम पर लाखों रुपए हड़प लिए और नौकरी न लगाकर धोखाधड़ी किया है। इसी तरह अन्य लोगों से भी धोखाधड़ी की गई है। शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 34 के तहत अपराध दर्ज कर जांच में लिया था। अंजुरा चौकी प्रभारी संतोष साहू ने बताया कि आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया जिसमें उन लोगों ने नौकरी लगाने के नाम पर फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र देकर रकम वसूलना एवं लोगों के साथ धोखाधड़ी करना स्वीकार किया। इस घटना के मास्टरमाइंड आरोपी मनोज कुमार साहू से लोगों को दिए गए फर्जी नियुक्ति पत्र व अन्य कागजात तथा मोबाइल जब्त किया गया है। रजत वर्मा और मुकेश वर्मा से फर्जी दस्तावेज एवं मोबाइल, फर्जी नियुक्ति पत्र बनाने वाली टाइपिंग सेंटर संचालक आरोपी महेश हिरावं को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी मनोज कुमार साहू निवासी अंजोरा पुलगांव, रजत वर्मा निवासी भिलाई नगर, मुकेश वर्मा निवासी भिलाई नगर, महेश हिरवं हरी नगर थाना मोहन नगर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जेल दाखिला किया गया है।