दुर्ग। नवरात्रि के पावन पर्व पर पूरे शहर में माता रानी की प्रतिमाएँ स्थापित कर भक्तजन श्रद्धा और आस्था के साथ उपवास व पूजा-अर्चना कर रहे हैं। इसी कड़ी में एक अनोखा और भावुक दृश्य उस समय देखने को मिला जब दुर्ग सेंट्रल जेल में भी कैदियों ने माता रानी की भक्ति में डूबकर उपवास रखा और सामूहिक रूप से देवी की आराधना की।
जेल परिसर में सुबह से ही भक्ति और आध्यात्मिकता का वातावरण बना रहा। कैदियों ने परंपरागत विधि-विधान से माता की पूजा की और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए व्रत रखा। इस दौरान कैदियों ने भक्ति गीत गाए, आरती उतारी और माता रानी से अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव की प्रार्थना की।
जेल अधीक्षक मनीष संभलकर ने भी इस अवसर पर कैदियों को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि ऐसे धार्मिक अवसर कैदियों के मनोबल को बढ़ाने का कार्य करते हैं और उन्हें आत्मचिंतन के लिए प्रेरित करते हैं। संभलकर ने यह भी बताया कि जेल प्रशासन समय-समय पर सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन करता है, जिससे कैदियों के भीतर सकारात्मक सोच विकसित हो और वे समाज की मुख्यधारा से पुनः जुड़ सकें।
नवरात्रि के इन नौ दिनों में जेल में विशेष रूप से भक्ति और अनुशासन का माहौल देखने को मिल रहा है। कैदियों ने सामूहिक रूप से संकल्प लिया है कि वे बुराई को त्यागकर नई राह पर आगे बढ़ेंगे।
नवरात्रि का यह दृश्य इस बात का प्रतीक है कि भक्ति और आस्था की कोई सीमा नहीं होती। चाहे इंसान जेल की चारदीवारी में हो या बाहर स्वतंत्र वातावरण में, सच्चे मन से की गई आराधना हर दिल को छू लेती है।
