कर्ज से जूझते किसान,,दुर्ग के किसानों ने मांगी कर्ज से मुक्ति, बोले- जमीन जाएगी तो या मजदूरी करेंगे या आत्महत्या

धमधा क्षेत्र के किसानों ने कर्ज के बोझ से मुक्ति दिलाने की मांग को लेकर दुर्ग कलेक्टर अभिजीत सिंह को ज्ञापन सौंपा। किसानों का कहना है कि वे पिछले एक दशक से बैंक कर्ज चुकाने में असमर्थ हैं। अब ब्याज मूलधन से कई गुना बढ़ गया है और बैंक लगातार नोटिस भेज रहा है। किसानों ने वन टाइम सेटलमेंट के जरिए कर्ज समाप्त करने की गुहार लगाई।

जिला पंचायत सदस्य दानेश्वर साहू और थोक फल-सब्जी मंडी कार्यकारी अध्यक्ष नासिर खोखर के नेतृत्व में खपरी, परस बोड, कोल्हापुर, बरहमपुर, करेली डंगनिया, बिरजापुर सहित कई गांवों के किसान कलेक्टर से मिले। उन्होंने बताया कि 2012-13 में उन्होंने आईडीबीआई बैंक की नेहरू नगर और भिलाई शाखा से केसीसी लोन लिया था। लेकिन टमाटर की खेती से लागत भी नहीं निकल पाई और नोटबंदी के असर से उनकी आर्थिक स्थिति और बिगड़ गई।

किसानों का कहना है कि यदि बैंक सेटलमेंट के आधार पर कर्ज घटाता है तो वे जमीन बेचकर भी कर्ज चुकाने को तैयार हैं। लेकिन बैंक सख्ती दिखाते हुए लगातार नोटिस जारी कर रहा है। इस दबाव में कई किसान खेती छोड़ चुके हैं।

किसानों की पीड़ा : आत्महत्या तक की नौबत
खपरी गांव के किसान पंचराम साहू ने कहा कि उन्होंने 15 लाख का कर्ज लिया था, जिसमें से 7 लाख जमा भी कर दिए। बावजूद इसके बैंक 30 लाख का बकाया बता रहा है। उन्होंने कहा, “यदि बैंक हमारी जमीन कुर्क करेगा तो हमारे पास दो ही विकल्प बचेंगे—या मजदूरी करेंगे या आत्महत्या।”

इसी तरह किसान सुभाष साहू ने बताया कि उन्होंने 8 लाख का कर्ज लिया था, जो अब 14 लाख तक पहुंच गया है। टमाटर की फसल कभी दाम न मिलने से और कभी बारिश-ओलावृष्टि से चौपट हो गई। उन्होंने कहा कि अब आत्महत्या के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा।

व्यापारियों और नेताओं ने उठाई आवाज
जिला कांग्रेस प्रवक्ता व थोक फल-सब्जी मंडी अध्यक्ष नासिर खोखर ने कहा कि धमधा क्षेत्र के किसान पूरी तरह टमाटर की खेती पर निर्भर हैं। मौसमी नुकसान और बाजार में उचित दाम न मिलने से वे कर्ज तले दबते चले गए। जिस तरह कांग्रेस शासनकाल में किसानों का कर्ज माफ किया गया था, उसी तरह मौजूदा प्रशासन को भी पहल करनी चाहिए।

कलेक्टर का आश्वासन
दुर्ग कलेक्टर अभिजीत सिंह ने किसानों का ज्ञापन लेते हुए कहा कि उनकी समस्या बैंक प्रबंधन के साथ साझा की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसानों की जमीन कुर्क न हो, इसके लिए विशेष प्रयास कर वन टाइम सेटलमेंट का रास्ता निकाला जाएगा।

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