दुर्ग। कॉलेज में शिक्षा ग्रहण कर रही 21 वर्षीय युवती ने मरणोपरांत देह दान की घोषणा की है। अंबेडकर नगर उरला निवासी साक्षी बौद्ध ने अपनी माता सविता बौद्ध एवं पिता महेंद्र बौद्ध का अनुकरण करते हुए देहदान की घोषणा की है। वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान है। साक्षी बौद्ध इंदिरा गांधी ट्राइबल यूनिवर्सिटी अमरकंटक में एमए फाइनल की पढ़ाई कर रही है। इस संबंध में सविता बौद्ध ने कहा कि हम जीते जी तो दूसरों के काम आते ही है किंतु मरने के बाद भी हमारा यह शरीर उपयोगी बन जाए तो जन्म सार्थक हो जाएगा। एक सामाजिक धम्म संगोष्ठी में दि बुद्धिस्ट प्रचारक विंग को मरणोपरांत देहदान की वसीयत सौंपी है। मरणोपरांत साक्षी बौद्ध के पार्थिव शरीर को एनाटॉमी रायपुर को मेडिकल के विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए सौपा जाएगा।