दुर्ग नगर निगम में महापौर के 100 दिन: सवालों के घेरे में,,अतिक्रमण पर कार्रवाई में भेदभाव

दुर्ग नगर निगम में महापौर श्रीमती अलका बाघमार के 100 दिनों के कार्यकाल पर सवाल उठ रहे हैं। उनका दावा है कि शहर को सुंदर बनाने और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए काम कर रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।

अतिक्रमण पर कार्रवाई में भेदभाव

शहर के कई इलाकों में अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है, जबकि कुछ जगहों पर कार्रवाई की जा रही है। इससे लोगों में असंतोष है। महापौर के निवास कार्यालय के पास ही साईं द्वारा चौक पर अतिक्रमण बढ़ा है, जबकि समृद्धि बाजार के सामने विश्वदीप स्कूल मार्ग पर कब्जाधारियों ने हॉकी मैदान की दीवार पर कब्जा कर लिया है।

महापौर की प्राथमिकताएं

महापौर अलका बाघमार ने अपने बजट में शहर के विकास के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, जिनमें ¹:

  • इंदिरा मार्केट में मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण
  • प्रमुख मार्गों का चौड़ीकरण
  • अमृत मिशन के तहत एसटीपी प्लांट स्थापना कार्य
  • नगर उत्थान योजना के तहत प्रमुख मार्गों का निर्माण एवं विकास कार्य

सवाल

अब लोगों के मन में सवाल है कि क्या महापौर अलका बाघमार शहर को सुंदर बना पाएंगी? क्या उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार पर लगाम लग पाएगी? और क्या सांसद विजय बघेल का महापौर प्रत्याशी के रूप में अलका बाघमार के नाम पर मुहर लगाने का फैसला सही था?

आने वाले समय में क्या होगा

अब देखना यह है कि महापौर अलका बाघमार की कार्य प्रणाली में परिवर्तन होगा और शहर की जनता के हित में एवं बिना भेदभाव के कार्रवाई की दिशा में शहरी सरकार कार्य करेगी या नहीं।

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