भिलाई. मैं नवीन प्रीतवानी अवंती विहार कालोनी रायपुर में रहता हूं। 10 दिसंबर की रात कुम्हारी फ्लाई ओवर ब्रिज में हुए दो हादसे हुए थे। उसमें से एक हादसे मैं खुद पीड़ित हूं। 10 दिसंबर को मैं भिलाई एक शादी कार्यक्रम में शामिल होने गया था। इस पूरी घटना में कैसे मेरी जान बची। कैसे दुर्घटना हुई ये मैं आपको वीडियो जारी करके खुद बता रहा हूं। मैं शादी कार्यक्रम में शामिल होने के बाद देर रात डेढ़ बजे भिलाई से वापस अपने घर रायपुर जा रहे थे। मैं खुद एसयूवी कार को ड्राइवर कर रहा था। जैसे ही मैं कुम्हारी ओवर ब्रिज पहुंचा तो देखा कि चालू ब्रिज और निर्माणाधीन दोनों ही ब्रिज के लेन का रास्ता खुला हुआ था। मुझे लगा की दूसरा ब्रिज भी कंपलीट हो गया है। इससे मैंने अपनी साइड के ब्रिज की लेन में कार को चढ़ा दिया। लेकिन वो ब्रिज पूरा नहीं बना था। सड़क को पूरा बना दिया गया था। देने में सामने से ऐसा लग रहा था मानो पूरा ब्रिज बन चुका है। गाड़ी स्पीड में थी। तभी अचानक देखा कि रोड खत्म है। मेरी कार एक खंभे से टकराई और ब्रिज के नीचे जा गिरी। कार चलाते समय मैंने सीट बेल्ट लगाया हुआ था। कार एक खंभे से टकराई। कार के टकराते ही उसके एयर बैग खुल गए। इसकी वजह से मैं आज जिंदा हूं। दुर्घटना इतनी भीषण थी कि कार नीचे गिर कर बुरी तरह चकनाचूर हो गई थी। मैं कार का गेट खोलने की कोशिश कर रहा था, लेकिन गेट नहीं खुल रहा था। कार पूरी पटल चुकी थी। थोड़ी देर में दो व्यक्ति आए। उन्होंने मेरी मदद की और मुझे कार से बाहर निकाला। गाड़ी से बाहर निकलते ही मैंने अपने रिस्तेदारों को फोन किया और वो लोग मुझे लेने आए। इसी दौरान मुझे वहां जानकारी मिली कि इसी जगह पर एक घंटे पहले बाइक वाले गिरे और उसमें दो लोगों की मौत हो गई है। उस फ्लाई ओवर में न तो कोई बेरीकेट्स लगा था और न किसी प्रकार का कोई इंडीकेशन था कि आगे रोड अधूरा है। मैं आपको बस यही बताना चाहूंगा कि आज मैं बच पाया हूं तो सिर्फ इस वजह से कि मैंने सीटबेल्ट लगाया था। इससे गाड़ी के एयर बैग खुल गए और मुझे किसी प्रकार की चोट नहीं लगी। मैं आप सभी से यही कहूंगा कि जब भी आप गाड़ी चलाएं तो सीट बेल्ट जरूर लगाएं। इससे आपकी जान बच सकती है। इस तरह बाइक सवार ब्रिज से गिरा नीचे जानकारी के मुताबिक बाइक 9-10 दिसंबर की रात 12 बजे के करीब आजू राम देवांगन अपनी पत्नी निर्मला देवांगन और बेटी अन्नू देवांगन के साथ बाइक से रायपुर चंगोराभाठा अपने घर जा रहे थे। आजू राम बाइक सीजी 04 एनवी 5125 से रायपुर जाने वाले साइड के कुम्हारी फ्लाई ओवर ब्रिज से जा रहा था। अचानक उसने देखा कि उसके 100 मीटर आगे ब्रिज ही नहीं है। उसने बाइक को तेज ब्रेक मारी तो वह असंतुलित हो गई। इससे आजूराम बाइक लेकर अपनी बेटी के साथ ब्रिज के नीचे गिर गया और उसकी पत्नी 48 नंबर पिलर से टकराकर वहीं लटक गई। पुलिस ने दोनों पति पत्नी के शव को पीएम के लिे भेजा और बेटी को इलाज के लिए एम्स रेफर किया। इसलिए है ठेकेदार की गलती दरअसल कुम्हारी ओवर ब्रिज पूरा बनकर तैयार हो गया था। जब टेक्निकल टीम ने इसका निरीक्षण किया तो यहां का आर्च टेढ़ा मिला। इसके चलते भिलाई से रायपुर को जाने वाले ब्रिज के स्पॉन को खोला गया और वहां फिर से नया आर्च बनाया गया। ठेकेदार ने ब्रिज को खोल तो दिया, लेकिन उसने उस एप्रोच रोड को नहीं बंद किया, जो इस ब्रिज को जोड़ रही थी। ठेकेदार ने ब्रिज में कहीं भी वर्क इन प्रोग्रेस का बोर्ड, खतरे का बोर्ड, निर्माण प्रगति पर है जैसे साइन बोर्ड नहीं लगाया। इससे बाइक व कार चालक भ्रम में पड़ गए और तेज रफ्तार से मौत के ब्रिज की ओर बढ़ते गए और उसमें गिरकर दो की मौत हो गई।एनएच के इंजीनियर्स की है सबसे बड़ी गलती जब भी कोई शासकीय निर्माण होता है तो उसके सुपरवीजन की जिम्मेदारी संबंधित निर्माण एजेंसी की होती है। फ्लाई ओवर ब्रिज के निर्माण की एजेंसी एनएचएआई है। एनएच के इंजीनियर निर्माण पर पूरी मॉनीटरिंग कर करते हैं। इंजीनियर्स की लापरवाही और अंदेखी की वजह से निर्माण एजेंसी रायल इंफ्रा का प्रोजेक्ट मैनेजर लापरवाह हो गया और उसने मनमाने तरीके से नियमों को ताक में रखकर काम करना शुरू कर दिया।
पुलिस भी दुर्घटना के लिए है जिम्मेदार

