दुर्ग। वार्ड-31 से पार्षद पद का चुनाव लड़ने वाली प्रत्याशी सुश्री नीता जैन ने जिला न्यायालय दुर्ग में याचिका लगाई थी। इस पर जिला न्यायाधीश दुर्ग प्रज्ञा पचौरी की कोर्ट ने जिला निर्वाचन अधिकारी दुर्ग, रिटर्निंग आफिसर नगर निगम दुर्ग, पीठासीन अधिकारी वार्ड क्रमांक-31, सहायक पीठासीन अधिकारी वार्ड क्रमांक-31, वार्ड-31 से पार्षद पद के लिए चुनाव लड़ने वाली अभ्यर्थी हर्षिता संभव जैन, मीना मानिकपुरी को प्रतिवादी बनाया गया है। न्यायालय सभी उत्तरदाई को नोटिस जारी कर 28 अप्रैल को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने कहा है। उक्त वार्ड से याचिकाकर्ता नीता जैन ने भी पार्षद पद के लिए चुनाव लड़ा था। याचिकाकर्ता ने न्यायालय को बताया है कि वार्ड-31 में पार्षद पद के लिए हुए चुनाव में अवैध एवं फर्जी मतदान हुआ था जिसे निरस्त किया जाए। याचिका में यह भी कहा गया है कि निष्पक्ष चुनाव के लिए वीवीपेट आवश्यक होना बताया गया है लेकिन दुर्ग निगम चुनाव में इसका उपयोग नहीं किया गया। जो संपूर्ण निर्वाचन की प्रक्रिया को संदिग्ध बताता है। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि वार्ड क्रमांक-31 के बूथ क्रमांक-126 में सहायक पीठासीन अधिकारी द्वारा एक अभ्यर्थी के साथ षड़यंत्र कर उसे जिताने की नियत से रजिस्टर में स्वयं सैकड़ों मतदाताओं के फर्जी हस्ताक्षर किया है जो भारतीय न्याय संहिता की धारा 338 के तहत दण्डनीय अपराध है। याचिकाकर्ता द्वारा मतदान संपन्न होने की तिथि 11 फरवरी 2025 से लेकर 15 फरवरी के बीच जिला निर्वाचन अधिकारी दुर्ग,स्थानीय निर्वाचन अधिकारी ननि दुर्ग को शिकायत दर्ज कराई गई। अधिकारियों द्वारा मतदान की गंभीरता को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग से लगातार पत्राचार किया गया। याचिकाकर्ता कहना है कि शिकायतों के बावजूद मामले में चुनाव परिणाम को रोका नहीं गया यह उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। याचिकाकर्ता ने उक्त वार्ड में पूरी चुनाव प्रक्रिया को अवैध व शून्य घोषित किए जाने की मांग की थी।