शारीरिक शोषण, आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास

दुर्ग। बहला फुसलाकर शादी का प्रलोभन देते हुए किशोरी को गर्भवती बनाने वाले आरोपी को कोर्ट ने सजा दी है। अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ एफटीसी श्रीमती संगीता नवीन तिवारी की कोर्ट ने आरोपी दानेश्वर उर्फ दानू को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास, 5000 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी।
कक्षा दसवीं में पढ़ने वाली 15 वर्ष 11 माह की किशोरी की जान पहचान धमधा निवासी आरोपी दानेश्वर उर्फ दानू 23 वर्ष से हुई थी। किशोरी अपनी बुआ के घर जब धमधा जाती थी तब उसकी जान पहचान दानेश्वर से हुई थी। इसके बाद मोबाइल पर बातचीत होने लगी थी। पहली बार दानेश्वर से वह राजेंद्र पार्क में मिली। इसके बाद आरोपी ने उसे शादी का प्रलोभन देकर उसके साथ अलग-अलग जगह पर ले जाकर शारीरिक संबंध बनाया। कुछ दिनों बाद किशोरी गर्भवती हो गई। यह बात जब उसने आरोपी दानेश्वर को बताई तो आरोपी ने उसे धमकी देते हुए कहा कि यह बात वह घर वालों को ना बताएं अन्यथा उसे और उसके परिवार वालों को वह जान से मार देगा। इसके बाद से किशोरी घर में गुमसुम रहने लगी थी। जब किशोरी की मां ने उससे पूछताछ की तब किशोरी ने अपनी आप बीती मां को बताई। इसके बाद मां ने थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी।

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