दुर्ग। बहला फुसलाने के बाद चाकू दिखाकर नाबालिक बालक के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने वाले आरोपियों को न्यायालय ने सजा दी है। अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ एफ टी सी श्रीमती संगीता नवीन तिवारी की कोर्ट ने आरोपी दिलीप थापा को धारा 377 के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास, 120 बी/ 377 के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास, धारा 506(2) के तहत एक वर्ष सश्रम कारावास एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास, 5000 रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई है। आरोपी शुभम साहू को धारा 120बी/ 377 के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास, धारा 506(2) के तहत एक वर्ष सश्रम कारावास, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 6 के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं 5000 रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी।
15 वर्षीय बालक के साथ वर्ष 2017 में संजय साहू द्वारा जबरन डरा धमकाकर पर अप्राकृतिक लैंगिक अपराध किया गया था। वर्तमान में संजय साहू जेल में है। बालक के परिवार वालों को संजय साहू का भाई अभियुक्त शुभम साहू एवं उसका दोस्त अभियुक्त दिलीप थापा दोनों निवासी थाना जामुल केस वापस लेने के लिए दबाव देते रहते थे। विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने बताया कि नवंबर 2019 को बालक के पिता परिवार वालों के साथ श्रावण मास के माह में बोल बम देवघर झारखंड गए हुए थे। बालक, उसका बड़ा भाई एवं छोटी बहन जामुल घर में ही थे। एक दिन बालक का बड़ा भाई ड्यूटी गया हुआ था, बहन स्कूल गई हुई थी। इसी दौरान आरोपी दिलीप थापा उसके घर आया और बालक से कहा कि चल तुझे नया घर दिखा कर लाता हूं। बहला फुसलाकर उसने एक किराए के मकान में ले गया, वहां पर आरोपी शुभम साहू पहले से ही मौजूद था। दोनों आरोपियों ने दरवाजा बंद कर दिए और आरोपी दिलीप थापा ने चाकू का डर दिखाकर बालक के साथ दो बार अप्राकृतिक कृत्य किया। इसके बाद आरोपी शुभम साहू ने भी उसके साथ अप्राकृतिक कृत्य किया। इसकी दोनों ने वीडियो बना ली थी। उक्त वीडियो एक व्यक्ति ने बालक के पिता को दिखाया। तब बालक के पिता ने थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी।