दुर्ग। रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई दिनों से प्लेटफार्म नंबर एक पर स्थित एस्कलेटर बंद पड़ा हुआ है वहीं जगह-जगह प्लेटफार्म पर टाइल्स टूटे होने से ट्रेन आने के समय यात्रियों को चढ़ने उतरने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ट्रेन आने के दौरान जगह प्लेटफार्म पर गड्ढे होने से कई बार यात्री सामान सहित गिर भी चुके हैं। यात्रियों यों को हो रही असुविधा पर स्टेशन प्रबंधन द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे प्रतिदिन आने वाले सैकड़ो यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्टेशन पर छह प्लेटफार्म बनाए गए हैं जहां पर दिनभर ट्रेन आती जाती रहती है। प्लेटफार्म नंबर एक- दो- तीन या अन्य प्लेटफार्म हो सभी पर कहीं ना कहीं के टाइल्स टूटे हैं या उखड़ गए हैं। प्लेटफार्म पर ऊंची नीची जगह होने के कारण यात्रियों को आने जाने एवं अपना सामान लेकर जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई जगह गड्ढे होने पर रेलवे ने टाइल्स बदलने के बदले सीमेंट का प्लास्टर करवाकर लीपा पोती कर दी गई है।
कई हफ्तों से बंद पड़ा है एस्कलेटर
प्लेटफार्म नंबर एक पर बना एक्सलेटर कई हफ्तों से बंद पड़ा हुआ है, इसके कारण यात्रियों का पूरा दबाव लिफ्ट पर हो रहा है। वहां पर यात्रियों की भीड़ बढ़ रही है जिससे बुजुर्ग यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को मजबूरी में रैंप या सीढ़ी के सहारे एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफॉर्म जाना पड़ रहा है। इससे समय भी खराब हो रहा है और यात्रियों को सामान सहित जाने में परेशानी भी हो रही है। इसके बावजूद स्टेशन प्रबंधन की समस्याओं पर अनदेखी यात्रियों पर भारी पड़ रही है। अधिकारी बाहर से सामान मंगवाने एवं उसके बाद एस्कलेटर रिपेयरिंग करने की कई दिनों से बात कर रहे हैं परंतु जल्द ही कोई सकारात्मक पहल नहीं की जा रही है। यात्रियों की परेशानी से स्टेशन प्रबंधन को कोई सरोकार नजर नहीं आ रहा है।
सुरक्षा की अनदेखी
स्टेशन पर रात के समय जगह-जगह भीख मांग का जीवन यापन करने वाले सोए नजर आते हैं या कई प्लेटफार्म पर एवं फुटओवर ब्रिज पर बैठकर भीख मांगते हुए घूमते रहते हैं। जब तक यात्री उन्हें पैसा नहीं देते है तब तक वे वहीं पर खड़े रहते हैं। यात्रियों से गेट पर टिकट चेक की जाती है, जो यात्रियों को छोड़ने आते हैं उनसे प्लेटफार्म टिकट मांगा जाता है ।प्लेटफॉर्म टिकट न रहने पर जुर्माना वसूला जाता है परंतु भीख मांगने वाले या बेवजह प्लेटफार्म पर घूमने वालों से कोई पूछताछ नहीं की जाती है। उसी का परिणाम है कि असामाजिक तत्व,भीख मांगने वाले बेखौफ होकर प्लेटफार्म पर, स्टेशन परिसर मे घूमते या सोते नजर आते हैं।