दुर्ग/विगत दिनों हुई बारिश व शिवनाथ नदी में बाढ़ के चलते शहर में फिर दो दिनों से पानी सप्लाई बाधित हो गई है और लोग गर्मी की तरह बरसात में भी पीने के पानी के तरस रहे है दिन प्रतिदिन होने वाले जल संकट को लेकर निगम के पूर्व सभापति व बीजेपी प्रवक्ता दिनेश देवांगन ने विधायक अरुण वोरा व महापौर धीरज बाकलीवाल पर जोरदार हमला बोलते हुए पूछा है कि वे बताए अमृत मिशन योजना के तहत शहर की जनता को पानी देने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा दिए गए करोड़ो की राशि के बाद भी आम नागरिको को बार बार होने वाली पानी की किल्लत से कब छुटकारा मिलेगा।
इस संबंध में जारी बयान में पूर्व सभापति दिनेश देवांगन ने आगे कहा कि एक तरफ शहर के नागरिक श्रावण मास होने के कारण प्रातः सबसे पहले जल्दी उठकर पूजा पाठ में लीन होते है तो वही काम कामकाजी नागरिक सुबह पानी भरकर ही काम धंधा में निकलते है लेकिन आए दिन पानी सप्लाई बाधित होने से महिलाएं ही नहीं पुरुष वर्ग भी भक्ति भाव छोड़कर पानी के लिए भटक रहे है यह हाल अब हर रोज का हो गया जहां कभी शहर में पानी सप्लाई ठप्प हो जाता है और लोगो को पूर्व सूचना भी नही मिलती पूर्व सभापति दिनेश देवांगन ने आगे कहा की यह शहर की जनता का दुर्भाग्य है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की केंद्र सरकार द्वारा शहर के प्रत्येक वार्डो में दोनो समय भरपूर पानी मिले इसके लिए 153 करोड़ की राशि देने के बाद भी आज नागरिक नगर निगम में कांग्रेस परिषद के चार साल के कार्यकाल में पीने के पानी के लिए इतने परेशान कभी नहीं हुए है और इसका कारण विधायक अरुण वोरा व महापौर धीरज बाकलीवाल का निरंकुश व भ्रष्ट नीति है जिसके चलते लोगो को हर सप्ताह पानी संकट से जूझना पड़ रहा है क्योंकि गर्मी में जहां इंटकवेल में मोटर पंप की क्षमता कमजोर होना बताया गया था जिसे अब तक बदला नहीं गया है तो वही अभी बरसात में पुलगांव नाला की बरसो से सफाई नही होना भी जल संकट का मुख्य वजह है जिसमे थोड़ी थोड़ी बारिश होने से पानी के बहाव के कारण जलकुंभी व पन्नी इंटक वेल के सायफन में फंस जाते है और इस वजह से टंकिया नही भर पा रहा है इन सब का जिम्मेदार केवल विधायक अरुण वोरा ही है जो हर काम श्रेय लेने तो आगे रहते है लेकिन इतने दिनो से बार बार जल संकट होने पर चुप्पी साध लेते है इसलिए उन्हें अब शहर की जनता से माफी मांगनी चाहिए की उनके निकम्मेपन के कारण बार बार लोग पानी के लिए तरस रही है।
बहुत से वार्डो में इस तरह की समस्याओं का सामना जनता को करना पड़ रहा है ।