दुर्ग/प्लास्टिक पर्यावरण के लिए घातक साबित हो रहा है। यही कारण है भारत सरकार के आदेशानुसार सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। बावजूद औद्योगिक क्षेत्र बोरई के निकट ग्राम सिलोदा में जोरो से चल रहा है प्लास्टिक डिस्पोजल बनाने का काम, दुर्ग जिले से महज 10 किलो मीटर दूर ग्राम सिलोदा(खपरी) के एक कंपनी है,जहां हर दिन लाखो के मात्रा में डिस्पोजल बनाकर कार्टून में पैक कर बड़ी गाड़ियों के माध्यम से आस पास एवम् दूसरे शहर तक परिवहन कर खपाया जा रहा है। लाखो के तदात में डिस्पोजल बनाकर पर्यावरण को हानि पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है,इन बेनाम कंपनी के मालिक को ना किसी का भय है न ही किसी का डर है, धड़ल्ले से डिस्पोजल बनाया जा रहा है,जिसे कंपनी मालिक पर्यावरण को हानि पहुचाकर कई सालो से करोड़ों का मुनाफा कमा रहा है, मगर प्रशासन को इन बेनाम कंपनी का भनक भी नहीं है,और भनक भी कैसे पढ़ेगा यहां के गार्ड किसी को अंदर जाने ही नहीं देते,अगर अंदर भी चला जाए तो यहां के कर्मचारी इधर उधर से आदमी बुलाकर अपना रसूल और रौब जमाते है, इस कंपनी के मालिक दिन दुगुनी रात चौगुनी कहावत को सिद्ध करने में कोई कसर नहीं छोड़ा जिससे कारण जमकर फुल फल रहा है,सिंगल यूज़ डिस्पोजल का कारोबार।

