सीनियर विधायक वोरा जिला प्रशासन के नियमो से अनजान

दुर्ग/निशांत ताम्रकार/गर्मी का मौसम आते ही शहरी इलाकों में पानी की किल्लत होने लगती है जिसको ध्यान में रखते हुए दुर्ग जिले के शहरी क्षेत्रों में बोर खनन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है लेकिन तब क्या हो जब अवैध तरीके से बोर खनन चल रहा हो और छत्तीसगढ़ सरकार के दर्जा प्राप्त मंत्री और प्रदेश के सीनियर विधायक स्वयं बोर करवाने पहुंच जाएं देखिए दुर्ग से आई इस खबर में.वी/ओ-1 दरअसल गर्मी के मौसम में अधिकतर लोग बोर खनन का कार्य करवाते हैं जो कि आसान और सुगम पानी का संसाधन है लेकिन अब जिला कलेक्टर ने आदेश पारित किया है कि गर्मी के समय में अब यदि बोर खुदवाने हो तो पहले जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी अनुमति मिलने के बाद कई फॉर्मेलिटी निर्धारण की गई है फॉर्मेलिटी पूरी होने पर उन्हें बोर खनन की अनुमति मिलेगी यदि कोई बिना परमिशन के बोर खनन करता पकड़ा गया तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही भी की जाएगी दुर्ग जिले में गिरते भूजल स्तर को देखते हुए बोर खनन पर रोक लगाई गई है इसी कड़ी में दुर्ग के गंजपारा स्थित प्रियंका बोरवेल पर अवैध बोर खनन की बड़ी कार्रवाई देर रात की गई प्रोपराइटर विजय जैन के मशीन द्वारा अवैध बोर खनन किया जा रहा था जो कि शहर के बीचो-बीच रिलायंस पेट्रोल पंप के पीछे चल रहा था शिकायत मिलने पर तत्काल जिला प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा तैयार किया और कारवाई चल रही थी इसी बीच छत्तीसगढ़ शासन के कैबिनेट मंत्री और सीनियर विधायक अरुण वोरा पहुंचे और कार्रवाई करने से मना करने लगे उन्होंने कहा कि आप कारवाही नहीं कर सकते कलेक्टर को फोन करके कार्रवाई रुकवाने की बात कही लेकिन जब मीडिया ने उनसे सवाल किया कि क्या उन्हें जानकारी नहीं है कि गर्मी का मौसम आते ही बोर खनन पर रोक लगा दी जाती है तो विधायक ने कह दिया कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है की बोर खनन पर रोक है यकीन मानिए यह वही विधायक अरुण वोरा है जो पिछले 6 बार से छत्तीसगढ़ में चुनाव लड़ रहे हैं चार बार के विधायक हैं और इस बार तो दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री भी है हर साल बोर खनन पर रोक लगाई जाती है लेकिन इन्होंने बड़ी आसानी से कह दिया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है जबकि जिला प्रशासन द्वारा यदि किसी भी प्रकार का कोई जन सम्बंधित आदेश निकालाते है तो उस समय बैठकों में स्थानीय विधायकों और सांसदों के प्रतिनिधि भी मौजूद होते हैं तो वही आदेश की एक प्रतिललिपि स्थानीय विधायक और मंत्रियों को भी जाती है.

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