दुर्ग। जिले की आर्द्रतायुक्त भूमि (वेटलैंड) के चिन्हांकन और डिमार्केशन कार्य को लेकर आज खालसा स्कूल दुर्ग में संयुक्त प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इसमें तहसील के सभी राजस्व निरीक्षक, पटवारी और वन विभाग के बीटगार्ड शामिल हुए।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार 2.25 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल वाली सभी आर्द्रभूमियों की सीमाओं का सीमांकन अनिवार्य है। इसी कड़ी में राजस्व विभाग, वन विभाग और पंचायत/नगरीय निकाय के “वेटलैंड मित्रों” को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
प्रशिक्षण सत्र में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अभिषेक अग्रवाल, एसडीएम हरवंश सिंह मिरी ने उपस्थितजनों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इस अवसर पर तहसीलदार प्रफुल्ल गुप्ता, एसडीओ फॉरेस्ट धनेश साहू, अतिरिक्त तहसीलदार श्रीमती क्षमा, श्री हुलेश्वर सहित राजस्व निरीक्षक, पटवारी, रेंजर और बीटगार्ड मौजूद रहे।
