युक्तियुक्तकरण से स्कूलों में शिक्षा गुणवत्ता का स्तर बढ़ा

दुर्ग/युक्तियुक्तकरण नीति से जहां एक ओर स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था में सुधार आया, वहीं दूसरी ओर बच्चों का भविष्य उज्जवल हो रहा है। इसका लाभ ग्रामीण अंचलों के प्राथमिक व मिडिल स्कूलों में देखने को मिल रहा है। शिक्षकों की कमी के चलते एक स्थिति ऐसी आ गई थी कि लोग सरकारी स्कूल को छोड़कर प्राईवेट स्कूल की ओर रूख बदल रहे थे। दुर्ग जिले का हनोदा गांव के प्राथमिक स्कूल में भी इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है। जहां पहली से पांचवी तक के बच्चे अध्ययनरत है। पहले बच्चे समय पर स्कूल तो जाते थे, लेकिन शिक्षकों के कमी के कारण सभी कक्षाओं में पढ़ाई नही हो पाती थी। वर्तमान में हनोदा स्कूल के बच्चों को तीन नये शिक्षक मिलने से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। अब प्रत्येक कक्षा के लिए एक-एक शिक्षक उपलब्ध हैं। पूर्व में शिक्षक की कमी के चलते एक शिक्षक मानदेय पर रखा गया था, जो पहली कक्षा को पूरे विषय पढ़ाती थी। युक्तियुक्तकरण नीति के तहत हनोदा स्कूल में अब तीन नए शिक्षक नियुक्त किए गए हैं। प्रत्येक कक्षा के लिए अलग-अलग शिक्षक उपलब्ध हैं, जिससे अब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है।
स्कूल प्रभारी श्रीमती सरोजनी वर्मा ने कहा कि युक्तियुक्तकरण से स्कूलों में सकारात्मक परिणाम देखने को मिला। उन्होंने जानकारी दी कि हनोदा स्कूल के तीन छात्रों का चयन नवोदय विद्यालय में हुआ है, जो यहां की गुणवत्तापूर्ण शिक्षण को दर्शाता है। स्कूल में कमजोर बच्चों के लिए अलग से विशेष कक्षाएं ली जाती है, जहां उनके बेसिक जानकारी देकर मजबूत किया जाता है। यहां के बच्चे बहुत होनहार है, उन्हें जो भी होमवर्क दिया जाता है उसे नियमित रूप से पूरा करके आते हैं। साथ ही अभिभावक भी जागरूक हैं, यदि बच्चों को होम वर्क नही दिया जाता है, तो स्वयं आकर इसका कारण पूछते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *