दुर्ग के मोहन नगर थाने की हालत बहुत खराब हो गई है। लगातार बारिश के कारण थाने के सभी कमरों में पानी भर गया है, जिससे थाने के कामकाज पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। रिकॉर्ड रूम में रखे महत्वपूर्ण दस्तावेजों को बाहर बरामदे में रखा गया है, जिससे उनकी सुरक्षा और रखरखाव को लेकर चिंता बढ़ गई है।हाल ही में थाने की छत गिरने की घटना ने थाने की सुरक्षा और कार्यप्रणाली पर सवाल उठा दिए हैं। गनीमत है कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन इससे थाने की जर्जर हालत का पता चलता है।

अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई करेगा?
क्या थाने की जर्जर हालत को देखते हुए प्रशासन कोई विशेष योजना बनाएगा?

या फिर थाने के कामकाज को सुचारु रूप से चलाने के लिए कोई अस्थायी व्यवस्था की जाएगी?
