नगर पालिक निगम दुर्ग के द्वारा अशोक कुमार करिहार के परिवार को अनुकम्पा नियुक्ति देने का निर्णय लिया गया है, लेकिन इससे एक सवाल उठता है कि अन्य कर्मचारियों की मृत्यु के बाद उनके परिवारों को अनुकम्पा नियुक्ति क्यों नहीं दी गई?
अन्य कर्मचारियों के परिवारों की स्थिति
अनेक कर्मचारी जिन्होंने अपनी जान कुर्बान की, उनके परिवार आज भी अनुकम्पा नियुक्ति की आस में बैठे हैं। राज्य शासन के द्वारा वरिष्ठता सूची को ध्यान में न रखते हुए बाद में मृत कर्मचारियों के हितग्राहियों को अनुकम्पा नियुक्ति दी गई है।
निष्पक्षता की मांग
अब सवाल यह है कि क्या नगर निगम दुर्ग और राज्य शासन द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति में निष्पक्षता बरती जाएगी और सभी कर्मचारियों के परिवारों को समान रूप से अवसर प्रदान किए जाएंगे?
