दुर्ग। अज्ञात मोबाइल धारक ने पेशे से व्यवसायी के साथ शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के नाम पर 41.52 लाख रुपए की ठगी कर ली। प्रार्थी की शिकायत पर पदमनाभपुर पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 66 डी, 318 (4) के तहत अपराध दर्ज कर जांच में लिया है।
पुलिस ने बताया कि प्रार्थी मयंक पुरी गोस्वामी विद्युत नगर निवासी है। वह व्यवसायी है और वह शेयर में ट्रेडिंग करता है। 16 मई की रात से 21 मई की दोपहर के बीच उससे अज्ञात मोबाइल धारक ने ऑनलाइन शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के नाम पर 41. 52.500 रुपए कंप्यूटर एवं इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों का उपयोग के माध्यम से धोखाधड़ी कर दी है। प्रार्थी ने पुलिस को बताया कि उसका शेयर में ट्रेडिंग करने का कार्य है। प्रार्थी का जीरोधा में अकाउंट भी है। कुछ दिनों पूर्व उसे रिया गुप्ता नाम से ट्रेडिंग अकाउंट में जुड़ने का प्रस्ताव आया एवं उसे ट्रेडिंग वेबसाइट से जुड़ने के लिंक भेजा गया। इसके बाद प्रार्थी का रजिस्ट्रेशन कराया गया एवं ट्रेडिंग की प्रक्रिया समझाई गई पहली बार ट्रेडिंग करने के लिए 16 मई की शाम को 42.500 रुपए ट्रांसफर करवाए गए। इसके बाद कुछ ही मिनट में प्रार्थी द्वारा खोले गए ट्रेडिंग अकाउंट में बैलेंस दिखने लगा 16 मई को ही पहले ट्रेडिंग करवाया गया। पहले ट्रेडिंग में 500 डॉलर लगवाए गए और 99.9 का मुनाफा हुआ। जिसमें से प्रार्थी ने 99 डॉलर निकालने के लिए मैसेज डाल दिया और 17 मई को 8415 रुपए उसके आइसीआइसीआइ बैंक के खाते में जमा हो गए। दूसरे दिन 19 मई को 2 लाख एवं 3 लाख कुल 5 लाख प्रार्थी ने जमा किए जहां उसे दुर्गा इंटरप्राइजेज में रुपए जमा करने की सूचना दी गई। 5 लाख जमा करने के बाद ट्रेडिंग में 6000 डॉलर का निवेश किया गया। इससे प्रार्थी को 1429 रुपए डॉलर का मुनाफा दिखाया गया। प्रार्थी ने वेबसाइट में कस्टमर सर्विस में 7100 निकालने का रिक्वेस्ट किया जिससे 20 मई को उसके खाते मे 2,03,500 रुपए एवं 4 लख रुपए के रूप में कुल 6,0 3,500 रुपए प्राप्त हुए। उसी दिन 19 मई को प्रार्थी ने 6 लाख रुपए में ट्रेडिंग हेतु जमा किए एवं निवेश के लिए 7512 के उपयोग में तीसरी ट्रेडिंग किया एवं 973 एवं 516 डॉलर का मुनाफा दिखाया गया। प्रार्थी ने फिर डॉलर निकालने का रिक्वेस्ट किया जिससे उसके खाते में 7,05,500 रुपए प्राप्त हुए। इसी तरह उसे लाभ प्राप्त होता रहा। इसके बाद जब प्रार्थी ने रकम जमा करने का रिक्वेस्ट मैसेज किया तो उसे बताया गया कि 72 घंटे में उसके द्वारा तीन से अधिक बार निकासी की गई है इसलिए आपके खाते में पैसे को होल्ड किया गया है। इसकी रोक हटाने के लिए उसे 100% वेरिफिकेशन फीस जमा करनी पड़ेगी। तब उसे कुल 47000 डॉलर यानी 40 लाख रुपए दिए जाने की बात कही गई। जब प्रार्थी के 41. 52 लाख रुपए फंस गए तब उसे मोबाइल धारक द्वारा ठगे जाने का एहसास हुआ।