शहर में इन दिनों दो पोस्टर चर्चा का विषय बना हुआ है जहां एक तरफ दुर्ग महापौर अल्का बाघमार ने शहर वासियों के आभार को लेकर दुर्ग नगर निगम के मद से सार्वजनिक धार्मिक प्रचार होडिंग लगवाई है वही दूसरी तरफ एक के एक आम नागरिक रौनक सलूजा ने सर्वधर्म का सम्मान करते हुए एक होडिंग लगवाई है।
आप देख सकते है दुर्ग के पुराना बस स्टैंड स्थित चौक पर एक होडिंग बोर्ड पर दुर्ग महापौर अल्का बाघमार ने शहर की जनता के पैसों का उपयोग सिर्फ एक पर्व को लेकर शुभकामनाएं देती नजर आ रही है जबकि पूरे शहर की जनता ने इस बार भाजपा सरकार को हाथों हाथ लेते हुए दुर्ग महापौर को ऐतिहासिक जीत दिलाई है।जिसे नजरअंदाज कर दुर्ग महापौर ने ऐसा होडिंग लगवाया है।

वही जब इस बात को लेकर शहर में चर्चा का विषय गर्म होने लगा तो आनन फानन में उस होडिंग बोर्ड से विनीत नगर निगम दुर्ग का नाम हटवाकर पैबंद चिपकवा दिया गया ,मगर बात करे कि सभी धर्मों के सम्मान की तो क्या दुर्ग महापौर ने सभी धर्मों का सम्मान रखा है। आपको बता दे कि दुर्ग महापौर का यह होडिंग माह भर पहले से लगा है जबकि अभी रमजान के बाद मुस्लिम समाज का ईद का पर्व गुजरा,फिर नवरात्रि ,श्रीराम नवमी,महावीर जयंती,और बैसाखी के साथ बौद्ध समाज का सबसे बड़ा पर्व 14 अप्रैल को डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की जयंती होनी वाली है। क्या यही है भाजपा सरकार का सबका साथ और सबका विकास का नारा,,इससे तो भला शहर का वह इंसान अच्छा जो किसी पद में रहकर सर्वधर्म का सम्मान करता अपने मद से ये होडिंग लगवाया है।
बहरहाल शहर में हो रही चर्चा पर दुर्ग महापौर अल्का बाघमार और निगम प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराया गया है अब देखना होगा कि आगामी की रूपरेखा किस तरह तैयार की जाती है।
