फाइनेंस करने के बाद वाहनों को आरोपियों ने बेच दिया लेकिन किस्तों की अदायगी नहीं की,, हुआ मामला दर्ज

दुर्ग। फाइनेंस करने के बाद वाहनों को आरोपियों ने बेच दिया लेकिन किस्तों की अदायगी नहीं की। इसको लेकर दो अलग-अलग मामलों में आरोपियों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने अपराध दर्ज किया है। आरोपी पति-पत्नी के खिलाफ धारा 34, 420 के तहत अपराध दर्ज कर जांच में लिया गया है।
पुलिस ने बताया कि प्रार्थी राहुल पाटिल ने शिकायत दर्ज कराई है कि राजनांदगांव निवासी आरोपी कृष्णकांत दुबे ने भारतीय स्टेट बैंक गंजपारा दुर्ग से फाइनेंस की गई वाहन मारुति स्विफ्ट क्रमांक सीजी 08 ए डबल्यु 8714 को परिवादी राहुल पाटिल को 6,00,000 रुपए में बेच दिया था। विक्रय करते हुए 600000 रुपए की रकम को आकांक्षा दुबे एवं कृष्णकांत दुबे के खाते में डलवाई गई थी। इसको लेकर इकरारनामा भी बनाया गया था। इकरारनामा में यह उल्लेखित किया गया था कि फाइनेंस संबंधी जो भी बकाया रकम होगी उसे अभियुक्त गण द्वारा भुगतान किया जाएगा तथा 2 वर्ष के भीतर एओसी प्राप्त कर उक्त वाहन परिवादी के नाम ट्रांसफर किया जाएगा। यदि नियमित किस्त को अभियुक्त गण द्वारा अदा नहीं किया जाता तो परिवादी को यह अधिकार होगा कि वह अभियुक्त के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई कर सकता है। बाद में आरोपियों ने किस्त अदा नहीं की थी।
इसी तरह प्रार्थी गौतम बोहरा ने शिकायत दर्ज कराई कि आरोपी कृष्णकांत दुबे द्वारा यश बैंक लिमिटेड राजनांदगांव से सुजुकी ब्रेजा सीजी 08 ए डबल्यु 8572 को फाइनेंस कराया गया था इस वाहन को 12,00,000 रुपए में परिवादी से विक्रय करने का सौदा किया गया था। इसमें आकांक्षा दुबे के खाते में फोन पे के माध्यम से अलग-अलग किस्तों में रकम डाली गई थी वहीं कृष्णकांत दुबे के भी खाते में राशि डलवाई गई थी। इस तरह आरोपियों ने नगद राशि एवं चेक के माध्यम से 8,46,000 रुपए प्राप्त कर लिए थे। 18 मई 2023 को गांव के सामने इकरारनामा भी निष्पादित किया गया था। इसमें शर्तों का उल्लंघन करते हुए धोखाधड़ी पूर्वक आरोपियों ने कार को 12 लाख रुपए में बेचने का सौदा करते हुए 8,46,000 प्राप्त कर लिए परंतु बैंक की किस्त अदा नहीं की थी। दोनों ही मामले में पुलिस जांच कर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *