दोष मुक्ति मामलों की समीक्षा को लेकर आईजी दुर्ग रेंज ने अधिकारियों की बैठक ली। इस बैठक में तकनीकी साक्ष्य एकत्र कर प्रस्तुत करने के महत्व पर भी चर्चा की गई।
आईजी कार्यालय के सभागार कक्ष में रेंज के उपसंचालक, अभियोजन एवं लोक अभियोजन अधिकारियों के साथ दोष मुक्ति मामलों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में अभियोजन से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों सहित पुलिस विभाग के कई अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक के दौरान न्यायालय में प्रस्तुत प्रकरणों में दोष मुक्त हुए आरोपियों के मामलों का गहन विश्लेषण किया गया। इस दौरान विवेचना में होने वाली त्रुटियां को रोकने भौतिक साक्ष्य एकत्र करने में सावधानी बरतने और अभियोजन की सफलता दर बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया। बैठक में तकनीकी साक्ष्य एकत्र कर प्रस्तुत करने के महत्व पर विशेष रूप से चर्चा की गई। सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन, साइबर फोरेंसिक रिपोर्ट एवं अन्य डिजिटल साक्ष्य को प्रभावी ढंग से संकलित कर कानूनी प्रक्रिया के अनुरूप प्रस्तुत करने को लेकर भी चर्चा हुई। आईजी गर्ग ने निर्देश दिया कि तकनीकी साक्ष्यों को केस डायरी का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया जाए और विवेचना अधिकारी इनका समुचित उपयोग करें। विवेचकों को समय-समय पर कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी जाए जिससे दोष मुक्ति की संभावना को न्यूनतम किया जा सके ।साथ ही गवाहों के संरक्षण और उनकी विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए रणनीतिक उपायों पर भी चर्चा हुई। इस समीक्षा बैठक में जिला अभियोजन अधिकारी दुर्ग श्रीमती अनु रेखा सिंह उप संचालक अभियोजन बालोद प्रेमेन्द्र बैसवाडे़, उपसंचालक अभियोजन बेमेतरा श्रीमती अर्पना अग्रवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बेमेतरा श्रीमती ज्योति सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दुर्ग श्रीमती पद्मश्री तंवर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालोद अशोक जोशी, उप निरीक्षक राजकुमार प्रधान, सहायक उप निरीक्षक हेमंत त्रिपाठी, डाटा एंट्री ऑपरेटर श्रीमती तेजस्वी गौतम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।