सूखे की मार झेल रहे किसानों ने नर्मदा-क्षिप्रा लिंक परियोजना का पानी क्षिप्रा नदी में छोड़ने के लिए धरना प्रदर्शन किया। देवास जिले के किसानों ने क्षिप्रा नदी किनारे दखनाखेड़ी गांव में प्रदर्शन कर अपनी मांगों का ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा।
पानी की किल्लत से परेशान ग्रामीणों और किसानों ने भरी दोपहरी में 12 बजे से लेकर 2 बजे तक धरना प्रदर्शन किया और सरकार को जगाने की कोशिश की। हाट पिपलिया क्षेत्र के किसानों का आरोप मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव हमारे क्षेत्र के हिस्से का पानी पाइप लाइन के जरिए उज्जैन ले गए हैं। किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि विधायक और सांसद हाट पिपलिया के हिस्से का पानी वापस नदी में चालू करवाएं अन्यथा रेगिस्तान बन चुकी क्षिप्रा में खाट पंचायत करेंगे।

किसान नेता हंसराज मंडलोई ने कहा कि 15 साल पहले नर्मदा नदी का पानी क्षिप्रा नदी में छोड़ा गया था परंतु कुछ दिनों के बाद पानी बंद कर दिया। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जो कि मंत्री रहते हुए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके नर्मदा क्षिप्रा लिंक बंद करवा के पाइप लाइन के जरिए पानी उज्जैन ले गए।
किसान नेताओं ने अपने भाषण में कहा कि हमने भारतीय जनता पार्टी के देवास जिले में पांचों विधायक जिताए, महेंद्र सोलंकी को दोबारा सांसद बना दिया लेकिन इसके बाद भी उनकी व्यक्तिगत मजबूरियों के चलते किसानों की सुनवाई नहीं कर रहे। किसानों का आरोप हैं कि विधायक, सांसद और मंत्री जानबूझकर नर्मदा क्षिप्रा लिंक का पानी चालू कराने का मुद्दा सीएम के सामने इसलिए नहीं उठा रहे हैं कि कहीं उनके नंबर कम ना हो जाएं।

किसानों ने कहा कि इसमें हमारी क्या गलती है? हमने इनको एक तरफ वोट देकर जीता दिया परंतु जब हमारे हिस्से का पानी अगर उज्जैन जा रहा है तो हम किसके पास में जाए? इन नेताओं का फर्ज बनता है की नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना को फिर से चालू करवाया जाए और हाट पिपलिया विधानसभा क्षेत्र से जो बड़ी पाइपलाइन शाजापुर जिले में जा रही है उसे हाट पिपलिया क्षेत्र के किसानों को पानी उपलब्ध करवाया जाए। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द से जल्द हमें पानी उपलब्ध नहीं करवाया तो हम सूखी पड़ी क्षिप्रा नदी में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करते हुए महापंचायत करेंगे। जिसकी जवाबदारी प्रदेश सरकार और देवास जिले के निर्वाचित प्रतिनिधियों की रहेगी। धरना प्रदर्शन के दौरान वरिष्ठ किसान नेता संतोष पटेल, दखनाखेड़ी के सरपंच संतोष पटेल, अनिल पटेल, पटाड़ा के सरपंच पति राकेश पटेल, प्रेम सिंह परमार, रंजीत पहलवान, सुनील पटेल, केदार पटेल, रामबगस चौधरी, रोहित पटेल, किसान नेता महेश पटेल, कृष्णकांत पटेल, आनंदीलाल बुचला, माखन पटेल समेत कई किसान और कार्यकर्ता मौजूद थे।