दुर्ग।। नगरी निकाय चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं और बड़े नेताओं में आपसी मन मुटाव लगातार नजर आ रहे हैं. विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने दुर्ग शहर के लिए नया चेहरा गजेंद्र यादव को चुनावी मैदान में उतारा गया तब उनके मित्रों ने चुनावी बागडोर संभाली उनके ऐसे ही मित्रों में एक दिनेश वर्मा ने यह उम्मीद थी कि भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी गजेंद्र यादव को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने के बाद उन्हें परितोषित के रूप में वार्ड पार्षद के रूप में प्रत्याशी बनाया जाएगा परंतु दुर्ग नगर निगम के वार्ड नंबर 38 से एक ऐसे व्यक्ति को भाजपा प्रत्याशी घोषित किया गया जो जैन समाज में निमंत्रण पत्र बांटने का कार्य करते हैं ऐसा वार्ड के निवासियों का कहना है.वहीं भारतीय जनता पार्टी के आंदोलनो में एवं कार्यालय में कभी नजर नहीं आए यहां तक की वार्ड के बूथ अध्यक्ष भी उन्हें नहीं पहचानते ऐसे में उसे प्रत्याशी घोषित करने के लिए कुछ लॉबी लगातार सक्रिय रही और एक ऐसे व्यक्ति को पार्षद प्रत्याशी घोषित किया गया जिन्हें प्रत्याशी घोषित करने के पहले जिला भाजपा संगठन भी नहीं जानता था. ऐसे में वार्ड पार्षद प्रत्याशी की प्रबल दावेदारी से नाम हटने के कारण विधायक गजेंद्र यादव के मित्र दिनेश वर्मा ने अब निर्दलीय मैदान में उतरने का फैसला कर लिया दिनेश वर्मा ने कहा कि वह अपनी उपेक्षा से काफी आहत हैं और वह वार्ड नंबर 38 से निर्दलीय मैदान में उतरेंगे।
विधायक गजेंद्र यादव के मित्र का निर्दलीय मैदान में उतरना कहीं ना कहीं विधायक गजेंद्र यादव की नेतृत्व क्षमता पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहा है. ऐसे में देखना यह होगा कि क्या दिनेश वर्मा के निर्दलीय मैदान में उतरने से रोकने मे संगठन और विधायक के करीबी सफल होंगे या फिर दिनेश वर्मा मैदान में उतरकर भाजपा के लिए कहीं ना कहीं परेशानी का कारण बनेंगे।
