चेक हुआ अनादरित, कोर्ट ने आरोपी को सुनाई सजा

दुर्ग। बैंक में जमा चेक अनादरित होने पर आरोपी को कोर्ट ने सजा सुनाई है। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग श्रीमती प्रज्ञा अग्रवाल की कोर्ट ने आरोपी के देवशायम उर्फ़ देवा को धारा 138 पराक्रम्य लिखत अधिनियम के तहत 2 वर्ष का साधारण कारावास एवं 2,00,000 रुपए प्रतिकर राशि दिए जाने की सजा दी है। परिवादी की ओर से अधिवक्ता जितेंद्र सिंह ने पैरवी की थी।
पदुम नगर भिलाई तीन निवासी परिवादी शरद कुमार यादव की जान पहचान डी मार्केट के पीछे सेक्टर 6 भिलाई निवासी आरोपी के देवशायम उर्फ़ देवा से थी। दोनों के बीच अच्छे संबंध थे। अपने व्यावसायिक कार्य के लिए रकम की आवश्यकता होने पर देवशायम ने शरद यादव से 2,00,000 रुपए उधारी स्वरूप लिए थे और उक्त भुगतान के एवज में परिवादी को भारतीय स्टेट बैंक भिलाई का चेक प्रदान किया था। 20 अक्टूबर 2020 को प्रार्थी ने भारतीय स्टेट बैंक सेक्टर 10 भिलाई के अपने खाते में आरोपी द्वारा दिए गए 2,00,000 रुपए के चेक को जमा कराया था। 7 नवंबर 2020 को अपर्याप्त निधि होने की जानकारी देते हुए बैंक ने चेक को अनादरित कर दिया था। इसके बाद परिवादी ने रजिस्टर्ड डाक से आरोपी को नोटिस भी प्रेषित की थी परंतु आरोपी ने ना तो रकम वापस की और ना ही नोटिस का जवाब दिया था।

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