कार में गांजा रखकर ले जा रहे मामले में जब्त की गई कार को कोर्ट ने राजसात करने का आदेश दिया है। विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट श्रीमती सुनीता टोप्पो की कोर्ट ने आदेश दिया कि वाहन के मालिक एवं वाहन के मुख्तयार धारक को अपना जवाब एवं अतिरिक्त साक्ष्य पेश करने का पर्याप्त अवसर प्रदान किया गया है परंतु अनावेदक गण के द्वारा न्यायालय के समक्ष अपना कोई साक्ष्य या जवाब पेश नहीं किया गया है तथा प्रकरण में अनावेदक अनुपस्थित रहा है। इनके सुपुर्दगी में कार को दिया जाना न्यायोचित दर्शित नहीं होता है। अतः मुख्तयार धारक को दिया गया उक्त वाहन का सुपुर्द नामा निरस्त किया जाता है।
विशेष लोक अभियोजक विजय कसार ने बताया कि थाना खुर्सीपार पुलिस को 12 सितंबर 2016 को मुखबिर से सूचना मिली कि टाटा इंडिका कार क्रमांक सी जी 04 बी 1558 में आरोपी लगभग 3 किलो गांजा रख कर ले जा रहा है। मौके पर पहुंची पुलिस ने कार को रोककर गांजा बरामद किया था। थाना खुर्सीपार द्वारा विशेष न्यायालय के समक्ष अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था। वाहन स्वामी सूचित कुमार झा के द्वारा उक्त वाहन को सुपुर्द नामा पर प्राप्त करने के लिए सुरेंद्र उर्फ सत्येंद्र पटले को आम मुख्तयार नामा निष्पादित किया गया था।जिसके आधार पर न्यायालय द्वारा उक्त वाहन टाटा इंडिका कार को सुपुर्द नामा में प्राप्त किया गया था। संपूर्ण विचारण के दौरान न्यायालय द्वारा आरोपी को 12 जनवरी 2023 को निर्णय पारित करते हुए दोष मुक्त का आदेश दिया गया था। न्यायालय द्वारा जब्तशुदा वाहन के संबंध में वाहन को राजसात करने को लेकर अलग से एमजेसी प्रकरण 2023 में दर्ज किया गया था। जिस पर सुनवाई के पश्चात विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट श्रीमती सुनीता टोप्पो ने उक्त वाहन को राजसात किए जाने का आदेश पारित किया है।