दुर्ग। डॉक्टर एम के खंडूजा द्वारा रुंगटा ग्रुप की सोनल रुंगटा के साथ धोखाधड़ी किए जाने वाले मामले में शुक्रवार को जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। बहस के बाद जिला सत्र न्यायाधीश प्रशांत पाराशर की कोर्ट ने आरोपी डॉक्टर खंडूजा की अपने अधिवक्ता के माध्यम से लगाई गई जमानत याचिका को खारिज कर दिया। सोनल रूंगटा के साथ किए गए करोड़ो रुपए की धोखाधड़ी को न्यायालय ने गंभीर अपराध माना और जमानत याचिका को नामंजूर कर दिया।
अधिवक्ता राजकुमार तिवारी ने बताया कि जेल निहित डॉ एमके खंडूजा ने रुंगटा ग्रुप की डायरेक्टर से अपोलो बीएसआर हॉस्पिटल का सौदा करने के बाद 19.14 करोड रुपए बयाना के रूप में लिए थे। बाद में आरोपी ने धोखाधड़ी करते हुए किसी अन्य से सौदा कर लिया था। जब रकम वापस मांगा गया तो उसने रकम वापस करने का वादा तो किया लेकिन पैसा देने से पूर्व ही परिवार सहित वह लापता हो गया था। भिलाई, दुर्ग, राजनांदगांव आदि के लगभग 304 लोगों से आरोपी ने पैसा ले लिया था। 2022 में रुंगटा ग्रुप की ओर से अपराध दर्ज कराया गया था, इसके बाद पुलिस ने कोलकाता से आरोपी को गिरफ्तार किया था।