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दुर्ग। मानसिक रूप से प्रताड़ित होकर मजबूरी में मोहन नगर थाना का एक आरक्षक स्वयं की वीडियो वायरल कर जान देने की कोशिश में था, तभी पुलिस की टीम ने उसे ढूंढ कर घर पहुंचाया। कार्य का लगातार बढ़ता दबाव, मानसिक रूप से परेशान, इलाज करवाने के लिए छुट्टी नहीं मिलने, बड़े अधिकारियों का नकारात्मक रवैया आदि से परेशान आरक्षक आत्महत्या करने जैसा कदम उठाने के लिए मजबूर हो रहा है।
मोहन नगर थाना अंतर्गत आरक्षक क्रमांक 458 कमलेश कुमार का पूर्व से ही मानसिक रोग का इलाज चल रहा था। जानकारी के मुताबिक उसने छुट्टी के लिए मोहन नगर थाना प्रभारी को आवेदन दिया था परंतु से छुट्टी नहीं दी जा रही थी। इसको लेकर उसने पुलिस के आला अधिकारियों से भी सहयोग करने का निवेदन किया, परंतु उस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। इससे परेशान होकर शुक्रवार की सुबह लगभग 11:30 आरक्षक कमलेश कुमार ने मानसिक रूप से प्रताड़ित होकर एक मार्मिक वीडियो बनाया है। यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। आरक्षक कमलेश कुमार ने इस वीडियो में रोते हुए बताया है कि बार-बार छुट्टी की मांग करने पर भी मैडम उन्हें छुट्टी नहीं देती है। पहले से ही उसका मानसिक रोग का इलाज चल रहा है। इलाज करवाने के लिए पूर्व में छुट्टी लिया था जिसका पूरा डॉक्यूमेंट एसपी साहब के पास जमा कर दिया था, इसके बावजूद भी एसपी साहब ने कहा कि अगर वह डॉक्टर का प्रमाण पत्र नहीं लाता है तो इसको सजा देना। वीडियो मे कमलेश कुमार ने कहा है कि उसने आईजी साहब से भी शिकायत की परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई है। अब उसकी जीने की इच्छा खत्म हो चुकी है। उसने अधिकारियों से निवेदन करते हुए कहा है कि मेरे मरने के बाद मेरी नौकरी मेरी पत्नी को दे दी जाए, लेकिन आरक्षक की नहीं उसे एक या दो स्टार की देना नहीं तो वह भी मेरी तरह मरने पर मजबूर हो जाएगी। मैं बहुत प्रताड़ित हो चुका हूं। छुट्टी का प्रमाण पत्र डॉक्टर से लेकर जमा करवा दिया हूं जो एसपी साहब को पहुंच जाएगा। कमलेश ने इस वीडियो में अपनी पत्नी से कहा है कि मेरे मरने के बाद मेरे बच्चों का ख्याल रखना, मैं हार गया हूं अब और नहीं लड़ सकता।
शहर में चर्चा चलते ही पुलिस की टीम ने आरक्षक को खोज कर निकाला और घर में सुरक्षित पहुंचाया।