जान जोखिम में डालकर उफनती नदी को पार कर स्कूल जाने को मजबूर ग्राम मुड़पार के छात्र एवं छात्राएं इस वजह से कई बच्चों ने स्कूल जाना भी कर दिया बंद। लगातार बारिश जहां जन जीवन अस्त व्यस्त हो रहा है वही स्थानीय नदी का जल स्तर बढ़ने के साथ आसपास के नदी किनारे गांव में पानी भर जाने से बुरा हाल है आज हम आपको एक ऐसे स्कूल का हाल एवं वहा के बच्चों का हाल दिखाने जा रहे हैं जहां की बच्चे जान जोखीम में डालकर उफनते नाले को पार कर स्कूल जाते हैं जहा दुर्ग जिला के विकासखण्ड धमधा स्थित ग्राम पंचायत भांठाकोकडी़ के आश्रित ग्राम मुड़पार के बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कुल जाने को मजबूर है,,

आपको बता दें कि ग्राम मुड़पार जो एक तरफ आमनेर नदी और दुसरी तरफ कुकरी नाला से घिरा हुआ है जहां पर सिर्फ कक्षा पांचवीं तक का स्कूल है आगे की पढ़ाई के लिए वहां के बच्चे ग्राम घोटवानी 2 किलोमीटर उफनते नाले को पार कर जाते हैं। बरसात के मौसम में स्कुली बच्चों को नालें के कारण भारी दिक्कतो का सामना करना पड़ता है।वहीं बारीश के तीन महीनों तक आधे से अधिक बच्चे स्कुल ही नहीं जा पाते।और जो जान को जोखिम में डालकर जातें हैं उनके पालको को भारी डर का सामना करना पड़ता है। क्योंकी पहले यहां बच्चे नाले बह चुके हैं जिसको ग्रामीणों ने रेस्क्यू कर जान बचाई थी।

इस गांव में लगभग 800 लोग निवास करते हैं और बारीश के दीनों में यहां के लोग राशन पानी के लिए भी तरस जाते हैं क्योंकि यहां से सभी गांव सहित जिला व ब्लॉक से संपर्क टुट जाता है।यहां के लोगों जब बिमार पड़ जाते हैं तो एम्बुलेंस भी यहां पहुंच नहीं पाती इसी के चलते यहां के 3 लोगों की मौत हो चुकी है।