दुर्ग। पुलगांव थाना अंतर्गत रसमडा़- खैरागढ़ रोड निवासी टिंबर मर्चेंट दिलीप मिश्रा के घर में बीती रात डकैती की वारदात को डकैतों ने अंजाम दिया। इससे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। 5से6 नकाबपोश रात लगभग 2.30 बजे दिलीप मिश्रा के घर में पीछे के दरवाजे से घुसे थे। डकैतों ने दिलीप मिश्रा एवं उनकी पत्नी को बंधक बनाकर घर में रखे 35 तोला सोना एवं लगभग 25000 रुपए नगद लेकर फरार हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस की टीम घटनास्थल की जांच करने के बाद आरोपियों की तलाश में जुट गई है। सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए हैं जिसमें आरोपी कैद हो गए हैं।
जानकारी के मुताबिक रात लगभग 2.30 बजे बिजनेसमैन दिलीप मिश्रा के निवास पर पीछे के दरवाजे को तोड़कर डकैत घर में प्रवेश किये। इसके बाद इन्होंने घर की तलाशी ली और कमरे के सामान को बिखरा दिया। जब इन्हें कोई विशेष सामान नहीं मिला तब आरोपियों ने दिलीप मिश्रा एवं उनकी पत्नी किरण मिश्रा जिस कमरे में सोए थे उसे कमरे का दरवाजा तोड़ा। इसके बाद आरोपियों ने दिलीप मिश्रा को पकड़कर रस्सी से उनके हाथ, पैर बांध दिया वहीं उनकी पत्नी के हाथ पैर उसकी ही चुनरी से बांध दिए। इसके बाद आरोपियों ने दोनों से पूछा कि रकम एवं जेवरात कहां रखे हुए है। घबराकर पति-पत्नी ने उन्हें जानकारी दे दी। आरोपियों ने 35 तोला सोना एवं लगभग 25000 रुपए को चड्डी बनियान में दबा कर रख लिया। आरोपियों ने दिलीप मिश्रा एवं उनकी पत्नी के मोबाइल को अपने पास रख लिया। आरोपियों ने एक मोबाइल को घर के पीछे फेंक दिए वहीं एक मोबाइल को बोगदा के पास रसमडा़ में फेंका।
सूचना मिलने पर पुलिस विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलगांव थाना, एसीसीयू टीम,फिंगर एक्सपर्ट, डॉग स्क्वायड ने मामले में जांच शुरू कर दी है।

सीसीटीवी कैमरे में नजर आए बदमाश
घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पुलगांव थाना और एसीसीयू की टीम पहुंची। पुलिस के मुताबिक दिलीप की फर्नीचर की दुकान और आरा मिल है। वहीं घर भी बनाया है। दूसरा मकान दुर्ग में भी है। दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में नकाबपोश कैद हो गए है। फुटेज में आरोपी सफेद रंग की चड्डी एवं बनियान पहने दिखाई दे रहे हैं, वहीं मुंह को कपड़ा बांधे हुए हैं। फुटेज के आधार पर आरोपियों की खोजबीन की जा रही है।
बाहरी गैंग होने की आशंका
मामले में दुर्ग पुलिस ने जांच शुरू की। बताया जा रहा है कि वारदात के तरीके से आशंका जताई जा रही है कि यह बाहरी गैंग है। अक्सर झबुआ गिरोह ऐसी घटना को अंजाम देता है। रायपुर, राजनांदगांव और डोंगरगढ़ में सेमपैर्टन पर वारदात को अंजाम दिया है। वे नेशनल हाइवे के किनारे लगे घरों को निशाना बनाते है। ट्रक से उ तरते है और वारदात को अंजाम देकर भाग जाते है। फिलहाल पुलिस टीम मामले में आरोपियों की खोजबीन में लग गई है।
किरण मिश्रा ने बताया कि रात लगभग 2.46 बजे कमरे के बाहर से टार्च की रोशनी उनके कमरे में दिखाई दी। जब तक वह कुछ समझ पाते इसी दौरान डकैत दरवाजा पीटने लगे और बोले कि दरवाजा खोलो नहीं तो तुम लोगों को मार डालेंगे। जब तक वह पुलिस को फोन कर पाते कब तक उन्होंने दरवाजा तोड़ा और वह सभी कमरे में पहुंच गए थे। इसमें से दो डकैत अधेड़ थे वहीं तीन युवा थे। एक अधेड़ सभी को कमांड कर रहा था और उसका निर्देश का पालन सभी कर रहे थे। अधेड़ डकैत ने कहा जो भी सोना एवं नगदी रकम है सब हमारे हवाले कर दो। किरण मिश्रा ने कहा कि वैसे तो वह सोना अपने पास नहीं रखती थी उसे अपने मायके वालों के पास रखवा देती थी परंतु शादी का कार्यक्रम होने के कारण उसने लगभग 35 तोला सोना अपने एक पोटली में बंद कर रखा हुआ था। घबराकर उसने 35 तोला सोने के जेवरात सौंप दिए। इसके बाद डकैतों ने सोने के सभी जेवरात को अपने-अपने बनियान के जेब में रख लिया। इस दौरान अधेड़ डकैत बार-बार नगद रकम के बारे में ही पूछ रहा था लेकिन ऑनलाइन सिस्टम होने के कारण घर में अधिक रकम नहीं रखी गई थी। किरण मिश्रा ने बताया कि शाम को ही अंधेरा होने के समय उनका कुत्ता बार-बार घर के पीछे की ओर जाने के लिए कर रहा था और बार-बार भोंक रहा था परंतु हम इस बात को समझ नहीं पाए थे।

बिजनेसमैन दिलीप मिश्रा ने बताया कि रात लगभग 2:48 बजे कमरे का दरवाजा तोड़कर डकैत कमरे में प्रवेश किये एवं हम दोनों को बंधक बना लिया। बार-बार पैसे की मांग कर रहे थे। रकम या सोना नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दे रहे थे परंतु किसी ने भी उनके साथ मारपीट नहीं की। अलमारी को तोड़कर नगद राशि लगभग 25,000 रुपए एवं सोने के जेवरात जो 35 तोला से अधिक हो सकते हैं को उन्होंने अपने पास रख लिया। लगभग आधा घंटा वे कमरे में रहे। इसके बाद सभी वहां से भाग निकले। उनका एवं उनकी पत्नी का मोबाइल डकैतों ने रख लिया था। इस पर उनके जाने के बाद किसी तरह डायल112 पर फोन कर जानकारी दी गई। जानकारी मिलते ही मौके पर आईजी, एसपी, डीएसपी, थाना प्रभारी सहित फोरेंसिक एक्सपर्ट टीम, रायपुर से विशेष टीम आदि पहुंच गई थी और सभी उन्हें सहयोग कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी आरोपी पकड़ में आ जाए।
