दुर्ग। आईटीआई भिलाई में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत प्रार्थी के साथ एक मोबाइल धारक में स्वयं को कोरियर कंपनी का कर्मी बताते हुए कहा कि उनके नाम से मुंबई के कस्टम में एक कोरियर पार्सल फंसा हुआ है जो आपत्तिजनक है। मुंबई पुलिस में एफआईआर दर्ज है। यह कहकर अज्ञात मोबाइल धारक ने ऑनलाइन के माध्यम से प्रार्थी से एक लाख रुपए की धोखाधड़ी की। प्रार्थी की शिकायत पर पुलगांव पुलिस ने अज्ञात मोबाइल धारक के खिलाफ धारा 420 के तहत अपराध पंजीकृत कर जांच में लिया है।
आईटीआई भिलाई में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत सुभाषित सिद्धांत को 9 अप्रैल की दोपहर को एक मोबाइल धारक ने फोन कर कहा कि वह डीएचएल कोरियर कंपनी का कर्मचारी है, उनके नाम पर कोरियर पार्सल मुंबई में कस्टम के पास फंसा हुआ है जो कि आपत्तिजनक है। मुंबई पुलिस में एफआईआर दर्ज है। उसने मुंबई पुलिस से मामले का निराकरण कर करने का झांसा देकर प्रार्थी से एक लाख रुपए ट्रांसफर कर धोखाधड़ी किया। आरोपी ने किसी व्यक्ति से प्रार्थी की बात कराते हुए कहा कि यह पुलिस के अधिकारी है जिनका नाम राजेश प्रधान है। आप उनसे बात कर लीजिए ।जब प्रार्थी ने बात किया तो उक्त व्यक्ति ने कहा कि आपके कोरियर पार्सल को पुलिस ने आपत्तिजनक होने के कारण जब्त करके रखा हुआ है। कोरियर पार्सल मुंबई के कस्टम में फंसा हुआ है। जब प्रार्थी ने कहा कि वह उसका पार्सल नहीं है, तब आगे वाले व्यक्ति ने कहा कि उस पर आपका ही नाम, मोबाइल नंबर, एड्रेस आदि लिखा हुआ है ।आप फंस सकते हैं। इसके आवाज में 100000 रुपए की मांग की। परेशान होकर प्रार्थी ने ऑनलाइन के माध्यम से आरोपी को भेज दिए।