शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के भूविज्ञान विभाग के डॉ. एस.डी. देशमुख ने जानकारी दी कि विभाग के स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने PM-USHA द्वारा प्रायोजित शैक्षणिक भ्रमण के दौरान कांकेर एवं जगदलपुर एवं उसके आसपास के भूवैज्ञानिक महत्व के स्थानों में मिलने वाले शैलों के नमूनों को एकत्रित किया। महाविद्यालय के भूविज्ञान विभाग एवं शासकीय भानुप्रताप देव महाविद्यालय, कांकेर के भूविज्ञान विभाग के बीच एम.ओ.यू के तहत वहां के अतिथि प्राध्यापकों श्री मनीष अठभैया एवं श्री विवेक शर्मा द्वारा भूविज्ञान के विद्यार्थियों को कांकेर के ग्रेनाईट शैलों के बारे में भी जानकारी दी गयी। विद्यार्थियों ने माकड़ी, कांकेर स्थित बैलेंसिंग रॉक की सुन्दर भू-आकृतियों को भी देखा।
शैक्षणिक भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने शास. काकतीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जगदलपुर के भूविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अमितांशु शेखर झा एवं अतिथि प्राध्यापक स्वप्ना गुप्ता के मार्गदर्शन में इंद्रावती संघ के शैलों का अध्ययन किया एवं कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में कार्स्ट स्थलाकृतियों को भी देखा। विद्यार्थियों ने तीरथगढ़ एवं चित्रकोट जलप्रपात भी देखा एवं बारसूर के पास सातधारा में पाए जाने वाले शैलों में उपस्थित विभिन्न भूवैज्ञानिक
संरचनाओं की जानकारी प्राप्त की। भूविज्ञान विभाग के अतिथि प्राध्यापक श्री निखिल वर्मा एवं कु. सना सिद्दीकी ने विद्यार्थियों को टोपोशीट का उपयोग करना, शैलों को पहचानना, क्लाइनोमीटर कम्पास एवं ब्रटन कम्पास की सहायता से शैल संस्तरों की नति एवं नतिलंबज्ञात करना भी सिखाया, साथ दुर्लभ किंबरलाइट शैल के बारे में भी जानकारी दी।
ही तोकापाल में पाये जाने वाले महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एम.ए. सिद्दीकी ने आशा व्यक्त की कि उक्त शैक्षणिक भ्रमण से निश्चित तौर पर विद्यार्थी लाभान्वित होंगे एवं शैक्षणिक भ्रमण के दौरान प्राप्त व्यवहारिक ज्ञान भविष्य में उन्हें रोजगार प्राप्ति में मददगार साबित होगा।
