नवरात्र पर्व की बिदाई के साथ ही दशहरा में रावण दहन की तैयारी की जाती है जिसके चलते दुर्ग के कुथरेल गांव में वर्षो से सर्वाधिक रावण पुतले का निर्माण किया जाता जिसकी डिमांड दुर्ग भिलाई,रिसाली सहित छत्तीसगढ़ के विभिन्न जगहों से समितियों द्वारा की जाती है
दशहरा पर्व को लेकर छत्तीसगढ़ का चर्चित गांव कुथरेल जो दुर्ग से 12 किलोमीटर दूर इस गांव खासियत ये है कि इस गांव में दशहरा के लिए सबसे ज्यादा रावण बनाए जाते हैं। आपको बता दें कि इस गांव में पिछले 50 सालों से रावण का पुतला बनाया जा रहा है और यहां के पुतले पूरे जिले भर में भेजा जाता है, सबसे ज्यादा पुतले भिलाई शहर के होते हैं जैसा कि कलाकारों ने बताया कि इस बार 26 रावण के पुतले बनाए जा रहे हैं।
कुथरेल के सबसे पुराने कलाकार डॉक्टर जितेंद्र कुमार साहू को पिता से विरासत में मिली इस कला को निरंतर जारी रखते हुए पुतला निर्माण कर रहे हैं।इस कार्य में पूरा परिवार साथ देता है। आपको बता दें कि अभी तक सबसे बड़ा 70 फीट का रावण पुतले का निर्माण कर चुके हैं।
आज ग्राम कुथरेल सर्वाधिक रावण निर्माण के लिए चर्चित हो गया है इसके चलते इस गांव के रावण के पुतलों की मांग बढ़ रही है। इस संबंध में साहू परिवार के लोगो ने अपनी प्रतिक्रिया दी