दुर्ग/ 11 अक्टूबर/ छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के खेल जेआरडी स्कूल,पद्मनाभपुर स्थित विवेकानंद उद्यान,बोरसी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं बैगापारा मिनी स्टेडियम में,और आसपास के वार्ड के बुजुर्ग, महिलायें युवाओं और बच्चों ने खोखो, फुगड़ी, लंगड़ी दौड़, बांटी, भौंरा आदि खेलों में हिस्सा लिया।छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में घरेलू महिलाओं ने साड़ी पहनकर कबड्डी खेली और लगाई दौड हर रोज घर का कामकाज संभालने वाली महिलाएं आज साड़ी पहने कबड्डी,दौड़ समेत अन्य पारंपरिक खेल खेलती नजर आयीं. इस दौरान जिसने भी घरेलू महिलाओं को साड़ी पहनकर कबड्डी खेलते देखी और दौड़ लगाई, लोगो ने उनकी जमकर तारीफ की, दरअसल मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व स्थानीय खेलों को बढ़ावा देने प्रदेश के साथ शहर में खेलों को बचाए रखने के लिए प्रदेश भर में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन हो रहा है. इन खेलों में बच्चे तो हिस्सा ले ही रहे है. साथ ही महिलाएं भी पीछे नहीं है. रोजाना घर और बच्चों में व्यस्त रहने वाली महिलाओं ने इन खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है. दरअसल छत्तीसगढ़िया ओलंपिक से महिलाएं साड़ी पहनकर कबड्डी और दौड़ का आनंद उठा रही हैं, 06 अक्टूबर को प्रदेश स्तर पर छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक की शुरूआत होने के साथ ही जिले में भी इसकी शुरूआत हो गई है। छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक के अंतर्गत जिले के विभिन्न ग्रामों में आयोजित किए जा रहे खेलों में बच्चे, युवा और बुजुर्ग वर्ग के पुरूष व महिलाएँ भी बड़े ही उत्साह के साथ भाग ले रहे हैं तथा अपनी खेल प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। इस खेल प्रतियोगिता के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेल जैसे गिल्ली डंडा, पिटूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो खो, रस्साकसी, बाटी कंचा, बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़, लम्बी कूद इत्यादि में महिलाएं पुरूष प्रतिभागी उत्साह के साथ भाग ले रहे हैं। यह प्रतियोगिता शहर से लेकर राज्य स्तर तक 06 स्तरों पर होगा। जिसकी शुरूआत राजीव युवा मितान क्लब स्तर से हुई है। इसके बाद वार्डो के जोन स्तर प्रतियोगिता आयोजित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ की संस्कृति से लोगों को जोड़ कर रखने व स्थानीय खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन 06 अक्टूबर से 06 जनवरी 2023 तक किया जा रहा है। इसके अंतर्गत दलीय एवं एकल श्रेणी में 14 प्रकार के पारम्परिक खेलों को शामिल किया गया हैए जिसमें 18 वर्ष से कम, 18 से 40 वर्ष एवं 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोग शामिल हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ में खेल से जुड़ी संस्कृति को एक नई पहचान दिलाने छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार एक अनुठी पहल कर रही है। छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक के आयोजन से अब फिर से लोगों में अपने स्थानीय खेलों के प्रति जागरूकता आ रही है।विधायक अरुण वोरा,महापौर धीरज बाकलीवाल एवं आयुक्त लोकेश चंद्राकार ने छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक में नागरिको से बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की भी अपील की।महापौर एवं आयुक्त ने नोडल अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा बिल्लस, लंगड़ी, खोखो,रस्सी कांची, गेड़ी , फुगड़ी समेत 14 तरह के खेलों के लिए पर्याप्त मात्रा में सामग्री व्यवस्था के साथ साथ ओलंपिक प्रतियोगिता आयोजन क्षेत्रो में प्रतिदिन साफ सफाई,शुद्ध पेयजल सहित अन्य व्यवस्था होनी चाहिए। खेल के दौरान मौजूद कार्यपालन अभियंता प्रमोद दुबे,एसडी शर्मा,नोडल अधिकारी प्रकाशचन्द थावनी,जितेंद्र समैया, राजेन्द्र धबाले, आसमा डहरिया,मोहित मरकाम सहित अन्य उपस्थित थे।जनसंपर्क विभाग