
छत्तीसगढ़ी ओलंपिक खेलों की इस प्रतियोगिता में अपने हाथ अजमा रहें बच्चे,बुजुर्ग,युवा व महिला,खो खो ,कबड्डी,बिलस, गिल्ली डंडा, कांची जैसे खेलो का रोमांच, छत्तीसगढ़ी ओलंपिक छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेल हर मोहल्ले एवं गलियों तक लोगो के जुबा पर लगे हैं। दुर्ग शहर क्षेत्र के भी 8 जोन स्तर वार्डों में खेलों का आयोजन प्रारंभ हो गया है।महापौर धीरज बाकलीवाल इस शानदार पहल के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रति आभार व्यक्त किया। सभी ने खेला पद्मनाभपुर स्थित विवेकानंद उद्यान, बोरसी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं बैगापारा मिनी स्टेडियम में आसपास के वार्ड के बच्चों ने खोखो, फुगड़ी, लंगड़ी दौड़, बांटी, भौंरा आदि खेलों में हिस्सा लिया।वार्ड स्तर पर जनप्रतिनिधियों एवं युवा मितान क्लब के सदस्यों के साथ समन्वय रखते हुए पर्याप्त खेल सामग्री एवं व्यवस्थापन के साथ आयोजन को सफल बनाने की दिशा में कार्य निरन्तर कार्य किया जा रहा है। विधायक अरुण वोरा ने कहा कि पारम्परिक खेलों को बढ़ावा देने का शानदार अवसर है छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल लगातार छत्तीसगढ़ की परम्पराओं को सहेजने की दिशा में काम कर रहे है।महापौर धीरज बाकलीवाल ने खिलाड़ियों का हौंसला बढ़ाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की अपनी परम्परा और पहचान है। इन खेलों के माध्यम से हमें अपनी जड़ों की तरफ फिर से लौटने का मौका मिला है। यहां की संस्कृति के साथ-साथ खेले जाने वाले ये पारम्परिक खेल बहुत महत्व रखते हैं। शहर के मोहल्ले व गलियों से लेकर गांव-गांव में इस तरह के आयेाजन होने से एक बार फिर इन खेलों की पहचान बढ़ेगी और आने वाली पीढ़ी इन्हें जान पायेगी। आयुक्त लोकेश चंद्राकार ने छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक में लोगों से बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की भी अपील की।महापौर धीरज बाकलीवाल एवं आयुक्त लोकेश चंद्राकार ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा बिल्लस, लंगड़ी, खोखो,रस्सी कांची, गेड़ी , फुगड़ी, सांखली समेत 14 तरह के खेलों के लिए पर्याप्त मात्रा में सामग्री की व्यवस्था के साथ साथ ओलंपिक प्रतियोगिता आयोजन क्षेत्रो में प्रतिदिन साफ सफाई,शुद्ध पेयजल सहित अन्य व्यवस्था होनी चाहिए। पूरे खेल के दौरान कार्यपालन अभियंता प्रमोद दुबे,एसडी शर्मा,नोडल अधिकारी प्रकाशचन्द थावनी,जितेंद्र समैया, राजेन्द्र धबाले, आसमा डहरिया,मोहित मरकाम सहित अन्य उपस्थित थे।